उत्तराखंड निकाय चुनाव: आरक्षण की अंतिम सूची जारी, चुनाव की तिथि 23 जनवरी घोषित
उत्तराखंड के नगर निकाय चुनावों के लिए आरक्षण की अंतिम सूची सोमवार को जारी कर दी गई है। देर रात तक विभिन्न आपत्तियों के निस्तारण के बाद राज्य सरकार ने नगर निगमों के महापौर और नगर पालिका व नगर पंचायत अध्यक्ष पदों के आरक्षण का निर्धारण कर दिया है। साथ ही, चुनाव की तिथि भी घोषित कर दी गई है। राज्य चुनाव आयोग द्वारा 23 जनवरी 2024 को नगर निकाय चुनाव कराए जाएंगे, जबकि 25 जनवरी को चुनाव परिणामों की मतगणना की जाएगी।
आरक्षण में बदलाव और महापौर की सीटों की नई स्थिति
आरक्षण सूची में कुछ प्रमुख बदलाव किए गए हैं, खासकर प्रमुख नगर निगमों में। हल्द्वानी नगर निगम में महापौर पद को सामान्य श्रेणी के लिए आरक्षित किया गया है, जबकि अल्मोड़ा नगर निगम में यह ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के लिए आरक्षित कर दी गई है। श्रीनगर नगर निगम में महापौर की सीट को महिला आरक्षित कर दिया गया है। इस बदलाव के बाद विभिन्न दलों और उम्मीदवारों के बीच चुनावी तैयारी में नए समीकरण बन सकते हैं।
निकाय चुनाव की तैयारियां
निकाय चुनाव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। शहरी विकास निदेशालय ने रविवार को आपत्तियों के निपटारे के बाद सोमवार को रिपोर्ट शासन को भेज दी। इस दिन शहरी विकास निदेशालय के सभी अधिकारी और कर्मचारियों ने नियमित कार्यालय समय के बाद भी काम किया और आरक्षण संबंधित आपत्तियों को अंतिम रूप दिया। रविवार को सभी जिलों में काम काज जारी रहा, जबकि शहरी विकास निदेशालय भी सामान्य कार्यों के साथ खुला रहा।
नियमावली के तहत आपत्तियों का निस्तारण
निकाय चुनाव के लिए आरक्षण सूची बनाने की प्रक्रिया शहरी विकास निदेशालय की नियमावली के तहत हुई थी। इस नियमावली के अनुसार, विभिन्न नगर निगमों और नगर पालिकाओं के लिए आरक्षण रोस्टर तैयार किया गया था, जिसके बाद प्रदेश के विभिन्न जिलों और नगर निकायों से आपत्तियां प्राप्त हुईं। इन आपत्तियों का गहन अध्ययन और निपटारा शहरी विकास निदेशालय के अधिकारियों ने किया। प्रत्येक आपत्ति पर सुनवाई के बाद, संबंधित विभागों से रिपोर्ट प्राप्त कर शासन को अंतिम निर्णय भेजा गया।
जिलाधिकारियों ने भी अपने-अपने जिलों में इस प्रक्रिया को ध्यानपूर्वक पूरा किया और नियमावली के मुताबिक आपत्तियों का निपटारा किया। अब सभी विवादों का समाधान होने के बाद, राज्य में निकाय चुनावों के लिए आरक्षण की अंतिम सूची जारी की जा चुकी है।
चुनाव की तिथि और मतगणना
राज्य चुनाव आयोग ने 23 जनवरी 2024 को नगर निकाय चुनाव कराने का निर्णय लिया है, और मतदान प्रक्रिया 23 जनवरी को संपन्न होगी। इसके बाद, 25 जनवरी को चुनाव की मतगणना होगी। इस बीच, विभिन्न राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं और उम्मीदवारों ने अपनी-अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।
इस चुनाव में उम्मीदवारों को चुनावी प्रचार के दौरान आरक्षण से संबंधित सीटों पर ध्यान केंद्रित करना होगा, ताकि वे अधिकतम वोट हासिल कर सकें। आरक्षण की अंतिम सूची जारी होने के बाद, अब उम्मीदवार अपने प्रचार में इन नए आरक्षण परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीतियाँ तैयार करेंगे।
निकाय चुनाव का महत्व और राज्य में बदलाव
उत्तराखंड में निकाय चुनावों का महत्व हमेशा से बहुत अधिक रहा है। यह चुनाव राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव लाने का अवसर प्रदान करते हैं। खासकर, छोटे शहरों और कस्बों में स्थानीय समस्याओं और विकास कार्यों को लेकर लोगों की राय और समर्थन प्राप्त करने के लिए ये चुनाव एक महत्वपूर्ण मापदंड बनते हैं।
निकाय चुनावों के जरिए राज्य सरकारें न केवल अपनी नीतियों को जनता तक पहुंचाती हैं, बल्कि स्थानीय प्रशासन और विकास कार्यों की दिशा भी तय करती हैं। इस बार राज्य में कई नगर निगमों और पालिकाओं के लिए आरक्षण में बदलाव किए गए हैं, जिससे स्थानीय राजनीति में नए समीकरण उभर सकते हैं। विशेष रूप से, महिला आरक्षण, ओबीसी आरक्षण और सामान्य श्रेणी में होने वाले बदलावों से चुनावी माहौल में नया रंग देखने को मिलेगा।
राजनीतिक दलों की रणनीतियाँ और उम्मीदवारों की तैयारी
उत्तराखंड के नगर निकाय चुनाव में राजनीतिक दलों द्वारा अपनी चुनावी रणनीतियों पर जोर दिया जा रहा है। कांग्रेस, भाजपा, और आम आदमी पार्टी जैसे प्रमुख दल अपने-अपने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारने के लिए सक्रिय हैं। चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, राजनीतिक प्रचार में भी तेजी आ रही है।
इन चुनावों में आरक्षण का असर कई सीटों पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे सकता है। महापौर और अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षित सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा के बाद, हर पार्टी अपनी पूरी ताकत के साथ चुनावी प्रचार कर रही है। वहीं, उम्मीदवार भी इन बदलावों का फायदा उठाने के लिए अपने प्रचार को तीव्र करने में जुटे हैं।