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DELHI विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज, बीजेपी के सीएम आवास पर आम आदमी पार्टी का विरोध

दिल्ली विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है और इस बीच, आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच एक नया विवाद उभर कर सामने आया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास को लेकर आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आप ने बीजेपी के सीएम आवास को “शीशमहल” करार दिया है और इसे जनता से छिपाए जाने का आरोप लगाया है। इस मामले में बुधवार (8 जनवरी) को आप के दो वरिष्ठ नेता संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज ने मुख्यमंत्री आवास को दिखाने के लिए 6 फ्लैग स्टाफ मार्ग का दौरा किया, जहां उन्हें भारी पुलिस बल द्वारा रोका गया।

6 फ्लैग स्टाफ मार्ग पर आम आदमी पार्टी नेताओं का विरोध

संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज, आप के प्रमुख नेताओं में से हैं, जो लगातार बीजेपी और दिल्ली सरकार की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं। बुधवार को जब दोनों नेता मुख्यमंत्री आवास को दिखाने के लिए 6 फ्लैग स्टाफ मार्ग पहुंचे, तो उन्हें यहां रोक लिया गया। पुलिस द्वारा तैनात भारी संख्या के बावजूद, आप नेताओं ने इस कार्रवाई का विरोध किया और इसके खिलाफ धरना देने का फैसला किया।

संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जब वे दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास को जनता के सामने लाने के लिए पहुंचे हैं, तो उन्हें रोकने का कोई औचित्य नहीं है। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान सौरभ भारद्वाज ने कहा, “पुलिस ने हमें बताया कि ऊपर से आदेश है। हम यह जानना चाहते हैं कि हमें क्यों रोका जा रहा है, जबकि हम केवल जनता को यह दिखाना चाहते हैं कि बीजेपी कितनी झूठी है।”

बेरीकेडिंग और पुलिस का भारी जाप्ता

संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज को सीएम आवास तक पहुंचने से रोकने के लिए पुलिस ने बेरीकेडिंग की थी। इस दौरान पूरे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात था, जिससे यह मामला और भी संवेदनशील हो गया। आप नेताओं ने इसके बाद विरोध स्वरूप सीएम आवास के बाहर धरना देने का निर्णय लिया और कई घंटों तक वहां बैठकर अपना विरोध दर्ज किया।

आम आदमी पार्टी का आरोप था कि बीजेपी और दिल्ली सरकार जनता से उनकी प्रॉपर्टी और उसकी असलियत छिपा रही है। संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी की तरफ से सीएम आवास को लेकर जो सफाई दी जा रही है, वह पूरी तरह से गलत है। “हम जनता को दिखाना चाहते हैं कि बीजेपी ने इस आलीशान सीएम आवास को किस तरह से एक ऐशो-आराम के महल में तब्दील कर दिया है। इस दौरान हम ये भी दिखाना चाहते हैं कि पीएम आवास, जो कि इससे कहीं ज्यादा महंगा है, जनता को क्यों नहीं दिखाया जा रहा है?” उन्होंने कहा।

पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) द्वारा सीएम आवास का कब्जा

धरना देने के बाद जब आम आदमी पार्टी के नेता वहां से हटे, तो पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) ने सीएम आवास को अपने कब्जे में ले लिया। इस कदम को लेकर भी राजनीति गरमाती नजर आई। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने इसे बीजेपी द्वारा डर और दबाव की राजनीति के तौर पर देखा और आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे लोगों द्वारा जनता के सवालों का सामना करने से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस कदम को एक और प्रयास माना, ताकि आम जनता को सच्चाई से दूर रखा जा सके। उन्होंने कहा, “यह एक और उदाहरण है कि बीजेपी किसी भी तरीके से अपनी असलियत और असफलताओं को छुपाना चाहती है।”

पीएम आवास की कीमत और आम आदमी पार्टी का सवाल

इस विरोध प्रदर्शन के दौरान आप नेताओं ने यह सवाल भी उठाया कि जब वे सीएम आवास को जनता को दिखाने के लिए आए थे, तो उन्हें क्यों रोका गया। उनका आरोप था कि बीजेपी और दिल्ली सरकार की नीतियां हमेशा से जनता को छिपाने की रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम आवास, जो इस सीएम आवास से कहीं ज्यादा महंगा है, जनता को क्यों नहीं दिखाया जा रहा है?

आम आदमी पार्टी ने यह भी सवाल किया कि क्या पीएम आवास को “शीशमहल” के रूप में प्रचारित किया जाएगा, जैसा कि सीएम आवास के बारे में आरोप लगाए गए हैं? उन्होंने कहा कि जब सीएम आवास को लेकर इस तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं, तो पीएम आवास के बारे में भी सवाल उठाए जाने चाहिए।

बीजेपी की प्रतिक्रिया

बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के इस विरोध प्रदर्शन को अपनी राजनीति के खिलाफ एक और आरोपित कदम बताया। बीजेपी के प्रवक्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता इस मुद्दे को सिर्फ राजनीतिक रूप से भड़काने की कोशिश कर रहे हैं और यह जनता को गुमराह करने का एक और तरीका है। बीजेपी ने यह भी कहा कि उनके द्वारा किए गए फैसले जनता की भलाई के लिए हैं और ये किसी छिपाने की कोशिश नहीं हैं।

बीजेपी ने यह भी कहा कि अगर आम आदमी पार्टी को मुख्यमंत्री आवास दिखाना है, तो इसे उचित तरीके से किया जाए और नियमों का पालन किया जाए। इसके अलावा, बीजेपी ने यह भी स्पष्ट किया कि वे जनता के फैसले का सम्मान करते हैं और वह किसी भी तरह से जनता को गुमराह करने का काम नहीं करेंगे।

चुनावी सरगर्मी और आगे की राजनीति

दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है और दोनों प्रमुख पार्टियां, बीजेपी और आम आदमी पार्टी, अपनी-अपनी रणनीतियों के साथ मैदान में उतर चुकी हैं। आम आदमी पार्टी का यह विरोध प्रदर्शन दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास को लेकर एक और राजनीतिक बयान था, जो चुनावी मुद्दों को और भी गर्म कर रहा है।

आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच की यह राजनीति अब चुनावी अभियान का हिस्सा बन चुकी है, और आने वाले दिनों में दोनों पार्टियों के बीच इसी तरह के बयानबाजी और विरोध प्रदर्शन जारी रह सकते हैं।

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