पंजाब के सरहदी इलाके में आतंकी हमले का अंदेशा, बीएसएफ ने की सुरक्षा बढ़ाने की सिफारिश
पंजाब के सरहदी इलाके में सुरक्षा को लेकर एक बार फिर चिंताएं बढ़ गई हैं। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को एक बार फिर आतंकी हमलों के होने का गंभीर अंदेशा है। बीएसएफ को इस संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण इनपुट मिले हैं, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि पंजाब के गुरदासपुर और पठानकोट में आतंकी गतिविधियां बढ़ सकती हैं। मंगलवार (7 जनवरी) को बीएसएफ के दिल्ली हेडक्वार्टर से एक उच्च स्तरीय टीम चंडीगढ़ पहुंची, जिसमें सात वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। इस टीम ने पंजाब के गृह सचिव गुरकिरत कृपाल सिंह के साथ बैठक की, जिसमें पंजाब पुलिस के कई आला अधिकारी भी मौजूद थे।
इस बैठक के दौरान गुरदासपुर और पठानकोट में संभावित आतंकी हमलों को लेकर गहरी चर्चा हुई। बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने इनपुट साझा करते हुए बताया कि पंजाब में आतंकवादियों और उनकी मदद करने वालों द्वारा गतिविधियां बढ़ाई जा रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने सुरक्षा को लेकर कई अहम सुझाव भी दिए, जो आने वाले समय में सरहदी इलाके की सुरक्षा में मददगार साबित हो सकते हैं।
पंजाब में आतंकी हमलों के लिए बढ़ी साजिशें
बीएसएफ ने गुरदासपुर और पठानकोट में संभावित आतंकी हमलों को लेकर सुरक्षाबलों को अलर्ट किया है। बीएसएफ के अधिकारियों ने बैठक के दौरान बताया कि आतंकी समूहों द्वारा पंजाब में खालिस्तानी आंदोलन को फिर से हवा देने की कोशिशें की जा रही हैं। इसके लिए प्रमुख तौर पर आतंकवादी संगठन “केजेडएफ” (Khalistan Zindabad Force) के प्रमुख रणजीत सिंह नीता और अन्य नेताओं जैसे जसविंदर सिंह मन्नू (जो ग्रीस में बैठे हैं) और जगजीत सिंह (जो यूके में स्थित हैं) की भूमिका प्रमुख मानी जा रही है।
बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन आतंकियों का उद्देश्य पंजाब के भीतर आतंकी हमलों को अंजाम देना है, ताकि राज्य में आतंकवाद की स्थिति को फिर से उत्पन्न किया जा सके। इसके लिए आतंकियों द्वारा खालिस्तानी आंदोलन को फिर से जिंदा करने के लिए आतंकी फंडिंग का सहारा लिया जा रहा है। इनपुट के अनुसार, पाकिस्तान से और अन्य अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से यह फंडिंग पंजाब में आ रही है, जिससे आतंकवादी समूहों की गतिविधियां बढ़ाई जा रही हैं।
बीएसएफ की सुरक्षा सिफारिशें
बीएसएफ के उच्च अधिकारियों ने चंडीगढ़ में बैठक के दौरान पंजाब सरकार से सरहदी इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की सिफारिश की है। इसमें नाइट विजन कैमरे की तैनाती, सीमा पर ड्रोन के जरिए होने वाली तस्करी पर रोक लगाने के लिए एंटी-ड्रोन सिस्टम की तैनाती, और सीमा क्षेत्र के थाना स्टेशनों की सुरक्षा को बढ़ाने जैसे उपाय शामिल हैं।
नाइट विजन कैमरे और एंटी-ड्रोन सिस्टम की सिफारिश
पठानकोट और गुरदासपुर जैसे संवेदनशील इलाकों में बढ़ती आतंकी गतिविधियों को देखते हुए, बीएसएफ ने सीमा क्षेत्र में नाइट विजन कैमरे लगाने की सिफारिश की है। यह कदम रात के समय सीमा पर होने वाली गतिविधियों को ट्रैक करने में मदद करेगा। इसके अलावा, सीमा पर ड्रोन का इस्तेमाल भी तेजी से बढ़ा है, जिससे ड्रग्स और हथियारों की तस्करी हो रही है। बीएसएफ ने इस पर कड़ी कार्रवाई करते हुए पंजाब सरकार से एंटी-ड्रोन सिस्टम की तैनाती की सिफारिश की है, ताकि सीमा पर तस्करी और आतंकी गतिविधियों पर नियंत्रण पाया जा सके।
बॉर्डर थानों की मुस्तैदी बढ़ाना
बीएसएफ के अधिकारियों ने सरहदी इलाकों में पुलिस थानों की मुस्तैदी बढ़ाने की भी सिफारिश की है। इन इलाकों में स्थानीय पुलिस के साथ बीएसएफ के संयुक्त ऑपरेशन करने की जरूरत पर बल दिया गया है। बैठक में यह भी चर्चा हुई कि आतंकवादियों के लिए पंजाब का सीमावर्ती क्षेत्र एक महत्वपूर्ण रास्ता बन चुका है, जिससे वे राज्य में घुसपैठ करते हैं और अपने खालिस्तानी एजेंडे को फैलाने की कोशिश करते हैं।
टेरर फंडिंग और आतंकी गतिविधियां
बीएसएफ द्वारा साझा की गई जानकारी में यह बात भी सामने आई है कि सरहदी इलाके से इन दिनों आतंकवादी समूहों को फंडिंग की मात्रा में वृद्धि हो रही है। यह फंडिंग पाकिस्तान और अन्य देशों से की जा रही है, जिसके जरिए आतंकी संगठन पंजाब में अपनी गतिविधियों को बढ़ा रहे हैं। बीएसएफ ने इस फंडिंग के संबंध में पंजाब पुलिस, एनआईए और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर सख्त कार्रवाई की सिफारिश की है।
आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग का मुख्य उद्देश्य पंजाब में आतंकवाद को फिर से सक्रिय करना है, खासकर खालिस्तानी मूवमेंट को प्रोत्साहित करना। इसके लिए विदेशों में बैठे कुछ प्रमुख खालिस्तानी आतंकवादियों ने इस नेटवर्क को मजबूत किया है। ग्रीस और यूके में बैठे आतंकियों के जरिए आतंकी हमलों को अंजाम देने की योजना बनाई जा रही है।
पंजाब पुलिस और एनआईए की भूमिका
बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने पंजाब पुलिस और एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) के साथ मिलकर इस खतरे को खत्म करने के लिए साझा जानकारी की आवश्यकता को महसूस किया। इन दोनों एजेंसियों को आतंकवादी गतिविधियों की पहचान करने और उन्हें नष्ट करने के लिए मजबूत कदम उठाने की जरूरत है। इसके अलावा, बीएसएफ ने पंजाब सरकार से स्थानीय स्तर पर कानून व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए भी कदम उठाने की सिफारिश की है।