Uttarakhand

खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की धमकी के बाद ऊधमसिंह नगर में 6 खालिस्तानी समर्थकों की निगरानी

उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर जिले में खालिस्तानी समर्थकों को लेकर चिंता बढ़ गई है। खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा भारत में बड़ा हमला करने की धमकी के बाद, पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। पिछले कुछ दिनों में पीलीभीत जिले में तीन खालिस्तानी आतंकियों के मारे जाने के बाद पूरे उत्तराखंड राज्य में अलर्ट जारी किया गया है। इसके मद्देनजर, ऊधमसिंह नगर जिले में छह संदिग्ध खालिस्तानी समर्थकों को पुलिस ने रडार पर लिया है और उनकी गतिविधियों की लगातार निगरानी की जा रही है।

पीलीभीत में एनकाउंटर के बाद बढ़ी सुरक्षा सतर्कता

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में हाल ही में तीन खालिस्तानी आतंकवादी पुलिस के साथ हुए एनकाउंटर में मारे गए थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इन आतंकियों का उत्तराखंड से कोई सीधा संबंध नहीं था, लेकिन पीलीभीत एनकाउंटर के बाद पूरे राज्य में सुरक्षा के मद्देनजर अलर्ट जारी किया गया था। इसके बाद से पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियां संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर रख रही थीं।

अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की धमकी के बाद स्थिति और भी गंभीर हो गई। पन्नू ने एक वीडियो जारी कर भारत में बड़े हमले की धमकी दी थी, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियां हरकत में आ गईं। इस धमकी को गंभीरता से लेते हुए पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियों ने अपनी जांच तेज कर दी और संदिग्धों की निगरानी शुरू कर दी।

ऊधमसिंह नगर में छह संदिग्धों पर पुलिस की कड़ी निगरानी

उत्तराखंड पुलिस के उच्च अधिकारियों के अनुसार, गुरपतवंत सिंह पन्नू की धमकी के बाद राज्य में संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। ऊधमसिंह नगर जिले में पुलिस ने छह खालिस्तानी समर्थकों को अपने रडार पर लिया है। इन संदिग्धों की हर गतिविधि की बारीकी से जांच की जा रही है। स्थानीय पुलिस को यह जानकारी मिली है कि ये लोग खालिस्तान के समर्थक हैं, हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये किस खालिस्तानी संगठन से जुड़े हुए हैं।

पुलिस का कहना है कि वे इन संदिग्धों के बारे में अधिक जानकारी जुटाने के लिए लगातार जांच कर रहे हैं। पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियों ने इन लोगों की पहचान, उनके संपर्क सूत्र और उनकी गतिविधियों को लेकर कई संदिग्ध स्थानों पर रेड भी मारी है। उच्च अधिकारियों का कहना है कि ये संदिग्ध शहरी इलाकों में गतिविधियाँ करते हैं, और उनका संपर्क बाहरी देशों के खालिस्तानी समर्थकों से भी हो सकता है।

खालिस्तानी संगठन और ऊधमसिंह नगर का संबंध

यह कोई पहला मौका नहीं है जब ऊधमसिंह नगर का नाम खालिस्तानी आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ा हो। 2022 में भी ऊधमसिंह नगर में चार संदिग्ध व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था, जो खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) के सदस्य थे। इन गिरफ्तारियों के बाद पुलिस ने इन संदिग्धों के ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देशों से संबंधों का खुलासा किया था, और यह पुष्टि की थी कि इन आतंकियों के विदेशी खालिस्तानी समर्थकों से भी रिश्ते थे।

इसके बाद, 2023 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भी ऊधमसिंह नगर से एक युवक को गिरफ्तार किया था। यह युवक खालिस्तानी आतंकवादी जगजीत सिंह से संपर्क में था, जो पंजाब और हरियाणा के सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय था। इन घटनाओं के बाद से यह आशंका और बढ़ गई है कि ऊधमसिंह नगर और आसपास के इलाके खालिस्तानी संगठनों के लिए एक रणनीतिक बिंदु बन सकते हैं।

पुलिस और इंटेलिजेंस की संयुक्त कार्रवाई

उत्तराखंड पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियां अब एक साथ मिलकर इस मामले की जांच कर रही हैं। पिछले कुछ वर्षों में राज्य में खालिस्तानी आतंकवादियों की गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है, और पुलिस इन तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए तैयार है। इन खालिस्तानी समर्थकों की गतिविधियों की सटीक जानकारी जुटाने के लिए राज्य की पुलिस ने देश भर के विभिन्न खुफिया विभागों और पुलिस विभागों के साथ संपर्क साधा है।

इसके अतिरिक्त, स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने क्षेत्र में स्थित सख्त सुरक्षा बैरिकेड्स और चेकपोस्ट्स की संख्या बढ़ा दी है। ताकि किसी भी संदिग्ध को पकड़ने में मदद मिल सके। पुलिस सूत्रों का कहना है कि ऊधमसिंह नगर में अधिकतर संदिग्ध गतिविधियाँ शहरी और कस्बों में होती हैं, जिनका मक्सद आम जनता को डराना और उन्हें खालिस्तान के पक्ष में एकजुट करना होता है।

खालिस्तान समर्थकों से जुड़ी चिंताएं

हालांकि, भारत सरकार ने कई बार खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है, फिर भी इस समय देश के कुछ हिस्सों में इन आतंकवादियों की गतिविधियां शांत नहीं हो पाई हैं। खासकर विदेशों में स्थित खालिस्तान समर्थक संगठनों का भारत में उनके समर्थकों से संपर्क बना हुआ है। यह संगठनों को स्थानीय स्तर पर समर्थन मिल रहा है, जो देश की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है।

खालिस्तानी आतंकवाद का प्रभाव न केवल उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड, बल्कि पूरे भारत में बढ़ता जा रहा है। इससे पहले भी पंजाब, दिल्ली, और हरियाणा में खालिस्तानी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है। हालिया घटनाओं और धमकियों के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे राज्य में उच्च सुरक्षा उपायों को लागू किया है।

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