Uttarakhand

UTTARAKHAND: बागी नेताओं पर कांग्रेस का कड़ा कदम, छह साल के लिए निष्कासन

उत्तराखंड में आगामी नगर निकाय चुनाव को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने एक कड़ा कदम उठाया है। पार्टी ने उन नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की है जो पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ बागी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे थे या फिर पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त थे। इन नेताओं को तत्काल प्रभाव से कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। यह कदम पार्टी के अनुशासन को बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों को रोका जा सके।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा का आदेश

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने इस संबंध में एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी एक अनुशासित संगठन है और पार्टी के कार्यकर्ताओं को पार्टी के अनुशासन के दायरे में रहकर ही चुनावी गतिविधियों में भाग लेना चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि पार्टी के भीतर अनुशासनहीनता की कोई भी घटना सामने आती है, तो उसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सोशल मीडिया पर करन माहरा के सलाहकार अमरजीत सिंह ने जानकारी दी कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त नेताओं और बागी उम्मीदवारों पर यह कार्रवाई की गई है। इन नेताओं और कार्यकर्ताओं को छह साल के लिए निष्कासित किया गया है, और पार्टी का यह निर्णय चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए है।

बागी नेताओं की सूची

विभिन्न क्षेत्रों से कांग्रेस के बागी उम्मीदवारों के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है, जिनमें नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत क्षेत्रों के नाम शामिल हैं। पार्टी द्वारा निष्कासित किए गए नेताओं की सूची में प्रमुख रूप से निम्नलिखित नाम शामिल हैं:

  • रुड़की: पूर्व मेयर यशपाल राणा, जिन्होंने अपनी पत्नी को मेयर पद के खिलाफ बागी उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतारा।
  • रुद्रप्रयाग: बागी उम्मीदवार संतोष रावत।
  • ऊखीमठ: बागी उम्मीदवार कुब्जा धर्मवाण।
  • बागेश्वर: नगर पालिका से बागी कवि जोशी।
  • कोटद्वार: कांग्रेस पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष महेन्द्र पाल सिंह रावत, जो बागी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं।
  • ऋषिकेश नगर निगम: बागी उम्मीदवार दिनेशचन्द मास्टर और महेन्द्र सिंह।
  • चमोली जनपद: गौचर से बागी उम्मीदवार सुनील पंवार, कर्णप्रयाग से गजपाल लाल सैनी, अनिल कुमार और अनीता देवी।
  • गैरसैंण: बागी उम्मीदवार पुष्कर सिंह रावत।
  • पीपलकोटी: बागी उम्मीदवार आरती नवानी।
  • टिहरी नगर पालिका चंबा: बागी उम्मीदवार प्रीति पंवार।
  • घनसाली: बागी उम्मीदवार विनोद लाल शाह।
  • नगर पालिका टिहरी: बागी उम्मीदवार भगत सिंह नेगी।

इन सभी नेताओं को कांग्रेस पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है, क्योंकि उन्होंने पार्टी द्वारा अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया था। पार्टी की यह कार्रवाई यह संकेत देती है कि संगठन अपने अनुशासन को लेकर किसी प्रकार की लापरवाही को स्वीकार नहीं करेगा।

कांग्रेस पार्टी की सख्त नीति

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी के भीतर अनुशासन बनाए रखना बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “पार्टी में अनुशासनहीनता की कोई भी स्थिति पार्टी के लिए स्वीकार्य नहीं होगी। हम ऐसे कार्यकर्ताओं और नेताओं पर कड़ी कार्रवाई करेंगे जो पार्टी की नीतियों और प्रत्याशियों के खिलाफ काम करेंगे।”

इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा ऐसे बागी कार्यकर्ताओं के खिलाफ की गई कार्रवाई से अन्य नेताओं को भी संदेश जाएगा कि पार्टी के अंदर अनुशासन का पालन करना आवश्यक है। यह कदम विशेष रूप से इस समय महत्वपूर्ण है, जब उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव चल रहे हैं और कांग्रेस पार्टी को अपनी उम्मीदवारों के पक्ष में माहौल बनाने की जरूरत है।

पिथौरागढ़ विधायक मयूख महर और युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव ऋषेन्द्र महर पर भी कार्रवाई

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस कड़ी कार्रवाई के तहत पिथौरागढ़ विधायक मयूख महर के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व से अनुरोध किया है कि इस मामले पर कार्रवाई की जाए। इसके अलावा, युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव ऋषेन्द्र महर को भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के कारण पार्टी से निष्कासित करने के लिए युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष से संस्तुति की गई है।

करन माहरा ने इस संदर्भ में कहा, “हमारे संगठन में कोई भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त नहीं रह सकता। हम ऐसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे जो पार्टी के सिद्धांतों से भटक जाते हैं।”

कांग्रेस का संगठनात्मक दृष्टिकोण

कांग्रेस पार्टी ने यह कदम अपने संगठन को मजबूत बनाने और आगामी चुनावों में अधिक से अधिक सफलता प्राप्त करने के उद्देश्य से उठाया है। यह कार्रवाई यह सुनिश्चित करेगी कि पार्टी के भीतर कोई भी व्यक्ति पार्टी की नीतियों और कार्यों का उल्लंघन न करे।

कांग्रेस पार्टी ने यह भी कहा कि अनुशासन के साथ पार्टी के भीतर पारदर्शिता और ईमानदारी का माहौल बनाया जाएगा, ताकि पार्टी की गतिविधियों और उम्मीदवारों की साख बनी रहे। इसके साथ ही, पार्टी अपनी रणनीति पर ध्यान केंद्रित करते हुए चुनावी क्षेत्र में सकारात्मक प्रचार करेगी।

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