PUNJAB: कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों की आम आदमी पार्टी में सदस्यता, लुधियाना में आप का दबदबा बढ़ा
पंजाब के सबसे बड़े नगर निगम, लुधियाना में आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक बड़ी सियासी चाल चलते हुए कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है। इस कदम से लुधियाना में आप का मेयर बनाने का सपना अब पूरा होता हुआ दिख रहा है। वीरवार की देर रात हुए इस राजनीतिक धमाके से आम आदमी पार्टी के नेता काफी उत्साहित हैं, क्योंकि उन्होंने न केवल अपने विपक्षी दलों के गढ़ में सेंध मारी, बल्कि मेयर के पद पर कब्जा करने के रास्ते को भी साफ कर लिया है।
आप का मेयर बनाने का सपना अब पूरा होता दिख रहा है
लुधियाना नगर निगम में मेयर बनने का सपना आम आदमी पार्टी का था, लेकिन चुनाव परिणामों के बाद यह सपना साकार होने में कई बाधाएं थीं। नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी के खाते में 41 सीटें आई थीं, जबकि बहुमत के लिए 48 सीटों की आवश्यकता थी। हालांकि, अब पार्टी ने कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनसे मेयर पद पर कब्जा करना संभव हो गया है।
अब आम आदमी पार्टी के पास कुल 46 पार्षद हो गए हैं, और छह विधायकों और एक मंत्री का वोट मिलने के बाद पार्टी ने 52 के बजाय 53 का आंकड़ा छू लिया है। इसके बाद, पार्टी को उम्मीद है कि मकर संक्रांति के दिन लुधियाना को अपना नया मेयर मिल जाएगा।
कांग्रेस और भाजपा में सेंधमारी
आम आदमी पार्टी ने अपने राजनीतिक सामर्थ्य का परिचय देते हुए कांग्रेस और भाजपा दोनों के पार्षदों को पार्टी में शामिल कर लिया है। इस सियासी घटनाक्रम के तहत, आप ने कांग्रेस के दो पार्षदों और भाजपा की एक महिला पार्षद को पार्टी में शामिल किया।
इस कदम से पार्टी का मेयर बनने का रास्ता साफ हो गया। इसके पहले, आम आदमी पार्टी को बहुमत के लिए 48 सीटें चाहिए थीं, लेकिन अब पार्टी के पास 46 सीटें हैं और विधायकों के समर्थन से यह आंकड़ा 53 तक पहुंच चुका है। अब आप का नेतृत्व शहर में अपनी ताकत दिखाने और मेयर पद पर काबिज होने की स्थिति में आ चुका है।
चुनाव में आप को मिली थी 41 सीटें
लुधियाना नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी को 41 सीटें मिली थीं, जोकि बहुमत से 7 कम थीं। हालांकि, पार्टी ने अपने राजनीतिक कद को बढ़ाने के लिए एक के बाद एक कई रणनीतिक कदम उठाए। आप के पास पहले से 41 पार्षद थे, लेकिन इसके बाद पार्टी ने आजाद पार्षदों को भी अपने साथ जोड़ा। फिर, कांग्रेस के जगदीश कुमार दीशा को भी आप में शामिल किया, जिससे पार्टी के पास अब 43 पार्षद हो गए थे।
पार्टी के पास इतने सीटें होने के बावजूद बहुमत से कुछ दूरी थी, लेकिन अब कांग्रेस और भाजपा के कुछ और पार्षदों को शामिल करके आम आदमी पार्टी ने मेयर बनने की दिशा में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।
भाजपा की महिला पार्षद का भी आप में शामिल होना
यह घटनाक्रम और भी दिलचस्प तब हो जाता है जब भाजपा की महिला पार्षद अनीता ननचाहल ने पार्टी में वापसी की। अनीता ननचाहल पहले आम आदमी पार्टी से जुड़ी हुई थीं, लेकिन टिकट न मिलने के बाद उन्होंने भाजपा में शामिल होकर वहां से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। अब वह फिर से आम आदमी पार्टी में शामिल हो गईं, और इससे पार्टी की स्थिति और मजबूत हो गई है।
आप ने अपनी राजनीतिक जंग में भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों से कई अहम चेहरे अपनी पार्टी में शामिल किए हैं। यह कदम दिखाता है कि आम आदमी पार्टी ने लुधियाना में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास किया है और अब पार्टी मेयर बनने के एक कदम और करीब पहुंच गई है।
मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां की भूमिका
आम आदमी पार्टी के इस सियासी धमाके में कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां का भी अहम योगदान रहा है। उन्होंने पार्टी में शामिल होने वाले तीनों पार्षदों को आम आदमी पार्टी में शामिल करवाया। इन पार्षदों में से दो हलका आत्म नगर से हैं, जबकि एक पार्षद हलका साहनेवाल से है।
देर रात आम आदमी पार्टी के स्टेट सेक्रेटरी और मार्कफेड के चेयरमैन अमनदीप सिंह मोही ने इस बात की पुष्टि की कि लुधियाना में यह जॉइनिंग हुई है और अब आम आदमी पार्टी के पास बहुमत है, जिससे पार्टी को मेयर का चुनाव जीतने में कोई रुकावट नहीं आएगी।
आप का संगठनात्मक ताकत
आम आदमी पार्टी का यह कदम लुधियाना में पार्टी की संगठनात्मक ताकत को साबित करता है। पार्टी ने विपक्षी दलों के कमजोर कड़ी को पहचानते हुए उसे अपनी तरफ खींचा और अब मेयर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा लिया है। पार्टी ने यह साबित किया है कि वे केवल दिल्ली तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि पंजाब के सबसे बड़े शहर लुधियाना में भी अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं।
मकर संक्रांति पर मेयर का चुनाव
अब पार्टी को उम्मीद है कि मकर संक्रांति के दिन लुधियाना को उसका नया मेयर मिल जाएगा। आम आदमी पार्टी ने अपनी रणनीति के तहत इस तारीख को अपने मेयर के चुनाव की योजना बनाई है। इससे पार्टी का नेतृत्व यह संकेत देना चाहता है कि वह अपने समर्थकों के साथ मिलकर सशक्त नेतृत्व प्रदान करने के लिए तैयार है।