Uttarakhand

UTTARAKHAND : 23 जनवरी को प्रदेश में निकाय चुनाव के दिन सार्वजनिक अवकाश, कर्मचारियों को मिलेगा सवेतन अवकाश

उत्तराखंड सरकार ने आगामी 23 जनवरी को होने वाले निकाय चुनाव के अवसर पर प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। इस दिन न केवल सरकारी कार्यालयों, बल्कि निजी प्रतिष्ठानों में भी कर्मचारियों को सवेतन अवकाश दिया जाएगा। यह आदेश राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सोमवार को जारी किया गया है।

निकाय चुनाव के दिन सार्वजनिक अवकाश की घोषणा

राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव विनोद कुमार सुमन ने इस संदर्भ में एक आदेश जारी किया है, जिसमें 23 जनवरी को होने वाले निकाय चुनाव के मद्देनजर प्रदेश के सभी राजकीय कार्यालयों, शिक्षण संस्थानों, अर्द्ध निकायों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों, कारीगरों तथा मजदूरों के लिए सवेतन अवकाश रहेगा।

उन्होंने स्पष्ट किया कि इस दिन चुनाव प्रक्रिया के तहत मतदान होने वाले सभी क्षेत्रों में यह अवकाश लागू होगा। इसके अलावा, जिन क्षेत्रों में चुनाव होंगे, वहां के कोषागार और उपकोषागार भी बंद रहेंगे। इस प्रकार, 23 जनवरी को निकाय चुनाव के दिन संबंधित सभी विभागों और प्रतिष्ठानों में कार्य नहीं होगा, ताकि मतदान प्रक्रिया सुचारु रूप से संपन्न हो सके और कर्मचारियों को मतदान में भाग लेने का पूरा अवसर मिल सके।

निजी प्रतिष्ठानों में भी सवेतन अवकाश

विभाग के सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि यह आदेश केवल सरकारी कार्यालयों तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि निजी प्रतिष्ठानों में भी कर्मचारियों को सवेतन अवकाश मिलेगा। इस कदम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि चुनाव के दिन सभी कर्मचारी मतदान में भाग ले सकें और लोकतंत्र की इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया में अपने अधिकार का उपयोग कर सकें।

यह आदेश विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण है जो निजी संस्थानों में कार्यरत हैं और जिन्हें सामान्यतः छुट्टी नहीं मिलती। इस निर्णय के बाद, उन्हें भी मतदान में भाग लेने का पूरा अधिकार मिलेगा।

निर्वाचन प्रक्रिया के संचालन में सहयोग

इस आदेश का उद्देश्य चुनाव के दिन निर्वाचन प्रक्रिया को सुचारु रूप से संचालित करने में मदद करना है। जब सभी कर्मचारी चुनाव में भाग लेंगे और मतदान केंद्रों पर उपस्थित रहेंगे, तो मतदान प्रक्रिया में कोई व्यवधान नहीं आएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अधिक से अधिक लोग मतदान करें।

इसके अतिरिक्त, 23 जनवरी को जिन निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होगा, वहां के स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है कि मतदान केंद्रों पर किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो। इस दिन सभी सार्वजनिक सेवाएं भी सुचारु रूप से चलने की उम्मीद है, ताकि मतदाता बिना किसी बाधा के मतदान में भाग ले सकें।

उपकोषागार और कोषागार का बंद रहना

इस दिन प्रदेश के निर्वाचन क्षेत्रों में पड़ने वाले कोषागार और उपकोषागार भी बंद रहेंगे। सचिव सुमन ने बताया कि मतदान प्रक्रिया के दौरान इन वित्तीय संस्थाओं में किसी प्रकार की कोई वित्तीय लेन-देन नहीं की जाएगी। यह व्यवस्था चुनाव में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी और अनावश्यक हस्तक्षेप से बचने के लिए लागू की गई है।

चुनाव के दिन बैंकिंग और वित्तीय कार्यों को बंद रखा जाना एक सामान्य प्रक्रिया है, जो चुनावी निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए की जाती है। इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि मतदान के दिन किसी भी प्रकार की वित्तीय गतिविधि मतदान के परिणामों पर असर डालने के लिए प्रभावित न हो।

चुनावी गतिविधियों के लिए प्रशासनिक तैयारी

23 जनवरी के दिन होने वाले निकाय चुनाव को लेकर राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग ने व्यापक प्रशासनिक तैयारियां की हैं। चुनाव में मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा, चुनावी प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार की अराजकता से निपटने के लिए पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी।

राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदान केंद्रों पर ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) और वीवीपैट (वोटर वेरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल) की व्यवस्था की है, ताकि मतदान प्रक्रिया पूरी तरह से सुरक्षित और पारदर्शी हो सके। साथ ही, प्रशासन द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि चुनावी ड्यूटी में लगे अधिकारियों को पूरी तरह से प्रशिक्षित किया जाए और कोई भी तकनीकी दिक्कत न हो।

लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करने का प्रयास

राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग दोनों ही मतदाताओं को चुनाव के दिन मतदान करने के लिए प्रेरित करने के लिए विभिन्न जागरूकता अभियानों का आयोजन कर रहे हैं। इस दिन को लेकर विशेष प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग मतदान केंद्रों तक पहुंचे और अपने मताधिकार का प्रयोग करें।

राज्य सरकार ने इस दिन के महत्व को समझते हुए विभिन्न स्तरों पर प्रचारित किया है कि मतदान करना नागरिकों का अधिकार ही नहीं, बल्कि उनका कर्तव्य भी है। इसके लिए विभिन्न माध्यमों का उपयोग किया जा रहा है, जैसे कि रेडियो, टीवी, सोशल मीडिया और जनसंचार माध्यमों के जरिए लोगों तक संदेश पहुँचाया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button