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आम आदमी पार्टी में कांग्रेस के खिलाफ भारी नाराजगी, इंडी गठबंधन से बाहर करने की योजना

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच रिश्तों में भारी तनाव देखा जा रहा है। हालिया घटनाओं और बयानों के कारण आम आदमी पार्टी के नेताओं में कांग्रेस को लेकर गहरी नाराजगी उत्पन्न हो गई है। आप सूत्रों के मुताबिक, अब आम आदमी पार्टी कांग्रेस को इंडी गठबंधन से बाहर करने की योजना बना रही है। पार्टी का आरोप है कि कांग्रेस भाजपा के साथ मिलकर काम कर रही है, और उसके नेताओं के हालिया बयानों से भी पार्टी के भीतर गुस्से की लहर है।

आम आदमी पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस, भाजपा को जिताने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, और इसके तहत कांग्रेस के नेताओं के बयान और गतिविधियां भाजपा के पक्ष में हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, आप ने कांग्रेस से खुद को अलग करने के लिए अन्य पार्टियों से बातचीत शुरू करने की बात कही है।

आप नेताओं की नाराजगी: कांग्रेस के खिलाफ एफआईआर की मांग

आप नेताओं ने इस मुद्दे पर अपनी गहरी नाराजगी जताते हुए दिल्ली चुनाव में भाजपा को जीत दिलाने के लिए कांग्रेस द्वारा किए गए प्रयासों की कड़ी निंदा की। आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस भाजपा का समर्थन कर रही है और भाजपा को फंडिंग भी कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता अजय माकन ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ “देशद्रोही” जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया, जो कि एक गंभीर आरोप है।

संजय सिंह ने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती, तो आप इंडी गठबंधन में अपनी भागीदारी जारी नहीं रखेगी। उन्होंने कांग्रेस से यह भी मांग की कि अजय माकन पर 24 घंटे के अंदर कार्रवाई की जाए।

कांग्रेस ने किया केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर की मांग

वहीं, कांग्रेस के प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष, एडवोकेट अक्षय लाकड़ा ने भी आम आदमी पार्टी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने केजरीवाल और उनकी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। अक्षय लाकड़ा ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के नाम पर दिल्ली की जनता को गुमराह किया है। उनका कहना था कि आप के विधायक और एमसीडी पार्षदों ने महिलाओं से व्यक्तिगत जानकारी जैसे कि मतदाता पहचान पत्र और फोन नंबर इकट्ठा किया है, जो कि एक प्रकार की धोखाधड़ी है।

लाकड़ा ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस योजना की कोई भी जानकारी सार्वजनिक रूप से जारी नहीं की है, और यह स्पष्ट किया है कि इस प्रकार की कोई योजना लागू नहीं की गई है। उनका आरोप था कि यह पूरी प्रक्रिया धोखाधड़ी और जालसाजी का उदाहरण है, जिसका उद्देश्य जनता के बीच भ्रम फैलाना था।

कांग्रेस अध्यक्ष की आलोचना: आप पर हमला

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने भी आम आदमी पार्टी पर हमला बोला। उन्होंने मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना को “राजनीतिक छलावा” करार दिया। यादव का कहना था कि यह योजना सिर्फ एक दिखावा है, जिसके तहत महिलाओं से फार्म भरवाकर उनका व्यक्तिगत डेटा इकठ्ठा किया जा रहा है। उनका आरोप था कि इस योजना के नाम पर महिलाओं को गुमराह किया जा रहा है, जबकि दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने स्पष्ट रूप से इसे झूठा और अव्यवहारिक योजना बताया है।

देवेन्द्र यादव ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी ने महिलाओं को 2100 रुपये मासिक देने का वादा किया था, लेकिन यह वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ है। उनका कहना था कि 2022 में पंजाब और 2024 में दिल्ली में महिलाओं को 1000 रुपये देने का वादा किया गया था, लेकिन इन वादों को पूरी तरह से नकारा गया है। इस पर देवेंद्र यादव ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने महिलाओं को केवल झूठे वादे किए हैं, और धरातल पर कोई भी कदम नहीं उठाया है।

आप की भूमिका और राजनीति में गहराता तनाव

आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच यह गहरा राजनीतिक तनाव इस बात को दर्शाता है कि दोनों पार्टियों के रिश्ते अब तक अधिक स्थिर नहीं रहे हैं। विशेषकर दिल्ली और पंजाब में दोनों पार्टियों के बीच प्रतिस्पर्धा ने कई बार विवादों को जन्म दिया है। हालांकि, कुछ समय पहले दोनों पार्टियां एक साथ इंडी गठबंधन का हिस्सा बनी थीं, लेकिन अब यह गठबंधन अपने अस्तित्व के संकट से गुजर रहा है।

आम आदमी पार्टी का कहना है कि कांग्रेस भाजपा की साजिश का हिस्सा बन चुकी है, और यही वजह है कि पार्टी ने कांग्रेस से अलग होने का मन बना लिया है। अगर कांग्रेस पर कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती, तो आम आदमी पार्टी का इरादा गठबंधन से बाहर जाने का हो सकता है, जिससे दिल्ली और पंजाब में होने वाले आगामी चुनावों पर असर पड़ सकता है।

राजनीतिक माहौल और गठबंधन की भविष्यवाणी

राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच यह संघर्ष जारी रहता है, तो यह केवल दिल्ली और पंजाब के चुनावों तक ही सीमित नहीं रहेगा। इससे राष्ट्रीय राजनीति में भी दोनों पार्टियों के रिश्ते पर असर पड़ सकता है। खासकर, इंडी गठबंधन और उसके अस्तित्व को लेकर कई सवाल खड़े हो सकते हैं।

आम आदमी पार्टी के कांग्रेस से नाराज होने के बाद, यह देखा जाना होगा कि क्या अन्य क्षेत्रीय दलों और विपक्षी पार्टियों का रुख इस मामले में किस प्रकार का होता है। अगर आम आदमी पार्टी अपनी राजनीतिक दिशा बदलती है और कांग्रेस से दूरी बनाती है, तो आगामी चुनावों में उसका प्रभाव किस तरह से पड़ेगा, यह एक बड़ा सवाल बनेगा।

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