महाकुंभ 2025: मकर संक्रांति के पावन अवसर पर प्रयागराज में हुआ पहला अमृत स्नान
मकर संक्रांति के दिन महाकुंभ 2025 की शुरुआत हो गई, और इस खास अवसर पर पहले शाही स्नान (अमृत स्नान) का आयोजन किया गया। प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई। इस दौरान खास तौर पर नागा साधुओं और अखाड़ों के संतों ने अपने पारंपरिक अनुष्ठानों के तहत स्नान किया, जो महाकुंभ की धार्मिक महत्ता को और बढ़ा रहे थे।
पहले अमृत स्नान में नागा साधुओं का अहम योगदान
महाकुंभ के पहले अमृत स्नान में सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े के नागा साधुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। तड़के सुबह, जब अंधेरा छंट रहा था, तब से ही श्रद्धालुओं का हुजूम संगम की ओर बढ़ने लगा। अमृत स्नान के लिए तय किए गए समय के अनुसार, महानिर्वाणी और अटल अखाड़े के संतों ने सुबह सवा पांच बजे स्नान के लिए संगम तट की ओर प्रस्थान किया। करीब सवा छह बजे वे संगम पहुंचे और लगभग 40 मिनट तक पवित्र स्नान किया।
इसके बाद, निरंजनी और आनंद अखाड़े के संतों ने सुबह 7:05 बजे स्नान किया। इस क्रम में जूना, आवाहन और पंच अग्नि अखाड़े के संतों ने आठ बजे स्नान किया। इन सभी अखाड़ों के साधुओं के संग संगम तट पर आस्था और श्रद्धा की अद्भुत छटा देखी गई।
शाही स्नान का अद्भुत नजारा
अमृत स्नान के दौरान संगम तट पर एक अलग ही दृश्य देखने को मिला। श्रद्धालुओं के जयकारों के साथ हर-हर महादेव और जय श्रीराम की गूंज थी। लाखों भक्त अपनी आस्था को अभिव्यक्त करते हुए गंगा, यमुन और सरस्वती के संगम में डुबकी लगा रहे थे। इस धार्मिक आयोजन ने न केवल भारतीय संस्कृति की महानता को दिखाया, बल्कि पूरी दुनिया के ध्यान को अपनी ओर आकर्षित किया।
महानिर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञान पुरी ने अमृत स्नान के बाद कहा, “यहां बहुत भीड़ है, लेकिन जिस तरह से यह सब प्रवाहित होता है, वह बहुत अद्भुत है। हर कोई पवित्र स्नान के लिए अपनी जगह खोज लेता है। यह सब देखकर लगता है कि यहां अद्भुत ऊर्जा है।”
श्रद्धालुओं ने घंटों पहले से अखाड़ा मार्ग पर डेरा डाला
अमृत स्नान के लिए श्रद्धालुओं का उत्साह इतना था कि उन्होंने देर रात से ही अखाड़ा मार्ग पर डेरा डालना शुरू कर दिया था। यह मार्ग अखाड़ों के संतों के स्नान स्थल की ओर जाता है, और वहां श्रद्धालुओं ने चप्पलें छोड़ दी थीं और धार्मिक अनुष्ठान शुरू किए थे। कुछ श्रद्धालु तो पहले ही रज, चरणामृत लेने के लिए खड़े हो गए थे। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों ने श्रद्धालुओं को कई बार हटाया, लेकिन फिर भी वे वहाँ आकर रुकते रहे।
मध्य प्रदेश के निवाड़ी से आए राजकुमार और उनकी पत्नी उर्मिला का कहना था, “यह बहुत ही खास मौका है। हम अपने गांव लौटते वक्त चरण रज लेकर जाएंगे। यह हमारे जीवन का अहम पल है।”
अखाड़ों के रूट पर कड़ी सुरक्षा
महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पूरे क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। अखाड़ों के मार्ग पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना या अप्रिय घटना से बचा जा सके। मकर संक्रांति के दिन अमृत स्नान करीब 9 घंटे तक चला। इस दौरान संगम तट पर सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्थाएं सुचारु रूप से चलती रहीं।
सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस, पीएसी, घुड़सवार पुलिस और अर्धसैनिक बलों के अलावा, जल पुलिस, गोताखोर, और बम निरोधक दस्ते भी तैनात किए गए थे। यह सुनिश्चित किया गया था कि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो और उनका स्नान और धार्मिक अनुष्ठान सकुशल संपन्न हो।
विदेशी श्रद्धालुओं की भागीदारी
महाकुंभ 2025 में विदेशी श्रद्धालुओं की भागीदारी भी खास रही। अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और एशिया के विभिन्न देशों से लोग यहां पहुंचे और भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता से प्रभावित होकर योग, ध्यान और सत्संग में भाग लिया। विदेशी श्रद्धालु गंगा किनारे आत्मशांति के लिए ध्यान साधना कर रहे थे और महाकुंभ के इस धार्मिक माहौल में शामिल होकर पुण्य अर्जित कर रहे थे।
महाकुंभ के धार्मिक महत्व और एकता का प्रतीक
महाकुंभ का आयोजन केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, आस्था और एकता का प्रतीक भी है। लाखों लोग इस महापर्व पर एकत्र होकर अपने पुण्य के साथ-साथ एकता और सामूहिक भावना को भी प्रकट करते हैं। इस पर्व में न केवल भारतीय, बल्कि पूरी दुनिया से श्रद्धालु आते हैं और एक साथ मिलकर आस्था की डुबकी लगाते हैं।
महाकुंभ को एक प्रकार से मानवता के अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में देखा जा सकता है, जहां लोग अपनी आस्थाओं को सांझा करते हैं। यह पर्व एकता, भाईचारे, और समाज की अच्छाई की ओर प्रेरित करता है, जिससे मानवता का संदेश पूरी दुनिया में फैलता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बधाई
महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर महाकुंभ की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “यह हमारी सनातन संस्कृति और आस्था का जीवंत स्वरूप है। आज आस्था के महापर्व ‘मकर संक्रांति’ के पावन अवसर पर महाकुंभ-2025, प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर प्रथम अमृत स्नान कर पुण्य अर्जित करने वाले सभी श्रद्धालुओं को बधाई।”