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मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के चयन के लिए बैठक, राजीव कुमार का कार्यकाल 18 फरवरी को समाप्त

केंद्र सरकार ने आगामी मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के चयन के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया है। यह बैठक 17 फरवरी 2025 को तीन सदस्यीय चयन कमेटी द्वारा बुलाई गई है। इस कमेटी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी शामिल होंगे। बैठक का मुख्य उद्देश्य मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उनके स्थान पर नए CEC का चयन करना है।

राजीव कुमार का कार्यकाल 18 फरवरी को समाप्त हो रहा है, और उनकी जगह एक नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर यह बैठक की जाएगी। इस बैठक में जो चयन किया जाएगा, वह न केवल चुनाव आयोग के लिए बल्कि भारत के लोकतांत्रिक तंत्र के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।

चयन प्रक्रिया में आए बदलाव

केंद्र सरकार ने हाल ही में एक नया कानून लागू किया था, जिसके तहत मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। अब तक, चुनाव आयोग में सबसे वरिष्ठ निर्वाचन आयुक्त को मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के पद पर पदोन्नत किया जाता था, जब मौजूदा CEC का कार्यकाल समाप्त होता था। लेकिन पिछले साल, 2022 में एक नया कानून लागू होने के बाद इस प्रक्रिया में बदलाव किया गया।

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की अध्यक्षता में एक खोज समिति का गठन किया गया था, जिसमें दो अन्य सदस्यों के रूप में वित्त विभाग के सचिव और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव शामिल थे। अब इस चयन प्रक्रिया के तहत उम्मीदवारों के बारे में एक गंभीर विचार-विमर्श किया जाएगा और उनके चयन के लिए नई प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा।

राजीव कुमार की नियुक्ति और उनके योगदान

राजीव कुमार को मई 2022 में मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर नियुक्त किया गया था। उनके नेतृत्व में चुनाव आयोग ने 2024 में भारतीय आम चुनावों को सफलता के साथ संपन्न कराया। यह चुनाव दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक चुनाव थे, जिनकी निगरानी और संचालन में राजीव कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

उनके नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण चुनावों का आयोजन भी हुआ, जिनमें जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव, महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और दिल्ली जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव शामिल थे। ये चुनाव अपने आप में ऐतिहासिक थे, क्योंकि जम्मू-कश्मीर में एक दशक से अधिक समय बाद विधानसभा चुनाव कराए गए थे।

राजीव कुमार की कार्यशैली और चुनाव आयोग के संचालन में उनके योगदान को बहुत सराहा गया। उनकी नेतृत्व क्षमता और चुनावों की निष्पक्षता सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता ने चुनाव आयोग की साख को और मजबूती दी।

राजीव कुमार का रिटायरमेंट प्लान

राजीव कुमार ने अपने रिटायरमेंट प्लान का भी खुलासा किया था, जो कि 2025 में उनके कार्यकाल के अंत के बाद लागू होगा। 2023 में जब उन्होंने कर्नाटक, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और राजस्थान में चुनावों की निगरानी की थी, तब उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा था कि इतने सालों तक कार्यों में व्यस्त रहने के बाद अब उन्हें हिमालय में कुछ समय बिताने का मन है। उन्होंने यह भी कहा था कि वह रिटायरमेंट के बाद चार-पांच महीने हिमालय में अकेले समय बिताएंगे, जहां वह मेडिटेशन करेंगे और खुद को डी-डॉक्सिफाई करने के लिए एकांतवास का जीवन बिताएंगे।

उनकी यह योजना दर्शाती है कि उनके जीवन में राजनीति और चुनाव आयोग की जिम्मेदारियों के अलावा भी एक शांति की आवश्यकता थी, जिसे वह अपने रिटायरमेंट के बाद पाने की इच्छा रखते थे।

मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन के लिए चयन कमेटी की बैठक

अब जबकि राजीव कुमार का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, एक नए मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन की प्रक्रिया को लेकर तीन सदस्यीय चयन कमेटी की बैठक हो रही है। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी उपस्थित रहेंगे। यह बैठक न केवल मौजूदा CEC के कार्यकाल के अंत के बाद उनके उत्तराधिकारी के चयन के लिए महत्वपूर्ण होगी, बल्कि यह भारतीय चुनाव आयोग के लिए भविष्य की दिशा तय करने में भी अहम भूमिका निभाएगी।

इस चयन प्रक्रिया के दौरान यह महत्वपूर्ण होगा कि एक योग्य, निष्पक्ष और अनुभवी उम्मीदवार का चयन किया जाए, जो भारतीय लोकतंत्र के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण संस्थान के रूप में चुनाव आयोग की साख को बनाए रखे और आगामी चुनावों के संचालन में दक्षता और पारदर्शिता को सुनिश्चित करे।

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