Punjab

पंजाब में छह जनवरी से बसों का चक्का जाम, यात्री हो सकते हैं परेशान

पंजाब में एक बार फिर बसों के पहिए थमने वाले हैं। अगर आप छह जनवरी (सोमवार) से यात्रा करने का प्लान बना रहे हैं, तो अपनी योजना पर पुनर्विचार कर लें। पंजाब रोडवेज और पनबस यूनियन ने छह जनवरी से चक्का जाम करने की चेतावनी दी है, जिसके कारण राज्य में सार्वजनिक बस सेवाओं का ठप होना लगभग तय है। इस हड़ताल का असर सरकारी और निजी परिवहन सेवाओं पर पड़ने की संभावना है, जिससे यात्री भारी परेशानी का सामना कर सकते हैं।

30 दिसंबर को भी हो चुकी थी बसों की हड़ताल

यह पहली बार नहीं है, जब पंजाब में बसों का पहिया थमा है। इससे पहले 30 दिसंबर को भी राज्यव्यापी हड़ताल के चलते यातायात सेवाएं ठप हो गई थीं। तब पंजाब बंद के कारण सरकारी, निजी और तमाम तरह की यातायात सेवाएं प्रभावित हुई थीं। इस बार भी वही स्थिति बनती दिखाई दे रही है, जिससे यात्रियों को अत्यधिक असुविधा हो सकती है।

पीआरटीसी और पनबस यूनियन लंबे समय से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार से संघर्ष कर रही हैं और अब उन्होंने छह जनवरी से चक्का जाम करने की चेतावनी दी है। यूनियन नेताओं का कहना है कि यह उनका आर-पार की लड़ाई है और वे सरकार से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे।

पीआरटीसी और पनबस यूनियन के नेता ने दी चेतावनी

यूनियन के नेता जोध सिंह ने कहा, “हमने पहले रोडवेज डिपो पर हड़ताल करने का फैसला किया था, लेकिन अब राज्य स्तरीय यूनियन के आदेश पर हम छह जनवरी से तीन दिन तक चक्का जाम करेंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि पहले सरकार की ओर से उन्हें आश्वासन दिया जाता था, लेकिन किसी भी मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसलिए अब यूनियन ने राज्यभर में सरकारी बस सेवाओं को तीन दिन के लिए बंद रखने का फैसला किया है।

उन्होंने बताया कि पिछले महीने से ही वे राज्य भर के मंत्रियों को ज्ञापन दे चुके थे, जिसमें उन्होंने अपनी प्रमुख मांगों को उठाया था, लेकिन सरकार ने इन मांगों को नजरअंदाज कर दिया। जोध सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार बार-बार आश्वासन देती है, लेकिन किसी भी समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। इस कारण अब यूनियन ने यह कड़ा कदम उठाया है।

सरकार से क्या हैं यूनियन की मुख्य मांगें?

जोध सिंह ने स्पष्ट रूप से बताया कि उनकी मुख्य मांगें निम्नलिखित हैं:

  1. आउटसोर्स पर काम कर रहे कर्मचारियों को स्थायी करना – वर्तमान में पंजाब रोडवेज और पनबस में काम कर रहे कई कर्मचारी आउटसोर्स के आधार पर काम कर रहे हैं, जिन्हें स्थायी करने की मांग की जा रही है। इन कर्मचारियों को भी समान अधिकार मिलना चाहिए, जो स्थायी कर्मचारियों को मिलते हैं।
  2. समान काम, समान वेतन – यूनियन का कहना है कि सभी कर्मचारियों को समान काम के लिए समान वेतन मिलना चाहिए, चाहे वे स्थायी हों या आउटसोर्स पर काम कर रहे हों।
  3. ब्लैक लिस्ट किए गए कर्मचारियों को फिर से ड्यूटी पर लिया जाए – यूनियन का यह भी कहना है कि जिन कर्मचारियों को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है, उन्हें फिर से ड्यूटी पर लिया जाए।

इन मांगों को लेकर यूनियन पहले भी कई बार प्रदर्शन कर चुकी है, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कदम न उठाए जाने के कारण अब यूनियन ने राज्यव्यापी चक्का जाम का आह्वान किया है।

सरकार की ओर से क्या कहा गया?

पंजाब सरकार ने अभी तक यूनियन की इस चेतावनी पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सरकार द्वारा पहले किए गए आश्वासन को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार इस बार भी कोई ठोस कदम उठाने से बच सकती है। हालांकि, यदि सरकार ने इस बार भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधी तो पंजाब की यातायात व्यवस्था एक बार फिर से प्रभावित हो सकती है।

राज्य के परिवहन मंत्री ने पहले भी कहा था कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर जल्दी समाधान निकालने की कोशिश कर रही है, लेकिन सरकार और यूनियन के बीच समझौता कोई दूर का मुद्दा प्रतीत होता है।

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