DELHI चुनाव प्रचार में केजरीवाल की सिक्योरिटी पर उठा विवाद, AAP ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए

दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। पार्टी का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल पर लगातार हमले किए जा रहे हैं, और इस मुद्दे को लेकर दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बीजेपी और दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस बीच, पंजाब के सीएम भगवंत मान ने खुलासा किया कि पंजाब पुलिस ने केजरीवाल की सुरक्षा को लेकर पहले ही ठोस सबूतों के आधार पर सुरक्षा प्रदान की थी, लेकिन बाद में दिल्ली पुलिस के प्रभाव में इसे हटा दिया गया।
अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा पर सवाल
आप का दावा है कि केजरीवाल पर हमले और उनकी जान को खतरा लगातार बढ़ रहा है। हाल ही में 23 जनवरी को दिल्ली के हरिनगर इलाके में एक बार फिर उनके ऊपर हमला किया गया था, लेकिन दिल्ली पुलिस ने इस हमले पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। सीएम आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “बीजेपी और दिल्ली पुलिस के गठजोड़ से अरविंद केजरीवाल की जान लेने की कोशिश की जा रही है।” उनका आरोप था कि यह हमला एक बड़े साजिश का हिस्सा है, जिसमें बीजेपी कार्यकर्ता और दिल्ली पुलिस शामिल हैं।
भगवंत मान का बयान: पंजाब पुलिस ने पहले दी थी सुरक्षा
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रेस में कहा कि पंजाब पुलिस के पास ठोस सबूत थे कि अरविंद केजरीवाल पर हमला हो सकता है। इसके बाद पंजाब पुलिस ने उन्हें सुरक्षा प्रदान की थी। उन्होंने कहा, “जब पंजाब पुलिस ने केजरीवाल पर होने वाले हमलों को नाकाम किया, तो दिल्ली पुलिस ने उनकी सुरक्षा हटा दी, जो बेहद चिंताजनक है।” मान का यह बयान इस मामले में एक नया मोड़ लाता है, जहां पंजाब पुलिस की सुरक्षा को दिल्ली पुलिस द्वारा हटाने को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
सीएम आतिशी का आरोप: बीजेपी के कार्यकर्ता हैं हमलावर
सीएम आतिशी ने और भी आरोप लगाते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल पर हो रहे हमलों के पीछे बीजेपी के कार्यकर्ता हैं। उन्होंने खुलासा किया कि 24 अक्टूबर को विकासपुरी में केजरीवाल पर हमला हुआ था, और जांच के दौरान पता चला कि हमलावर बीजेपी कार्यकर्ता थे। आतिशी ने कहा, “सोशल मीडिया पर जांच करने पर यह पाया गया कि हमलावर बीजेपी के कार्यकर्ता थे, और दिल्ली पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।”
उन्होंने इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता लगातार केजरीवाल पर हमले कर रहे हैं, और दिल्ली पुलिस उनका समर्थन कर रही है। आतिशी ने कहा, “नई दिलली विधानसभा क्षेत्र में 18 जनवरी को अरविंद केजरीवाल की गाड़ी पर पत्थर फेंके गए। जांच करने पर यह सामने आया कि हमलावर बीजेपी के पदाधिकारी थे। इसके बाद भी दिल्ली पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।”
हरिनगर में हमला: आरोपों की बौछार
आतिशी ने 23 जनवरी को हरिनगर में हुए हमले का जिक्र करते हुए कहा कि इस बार भी हमलावर केजरीवाल की गाड़ी तक पहुंच गए थे। उन्होंने आरोप लगाया, “यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा है, जिसमें बीजेपी के कार्यकर्ता और दिल्ली पुलिस मिलकर केजरीवाल को निशाना बना रहे हैं।”
आतिशी ने कहा कि एक के बाद एक हमले हो रहे हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस और बीजेपी की जुगलबंदी के कारण कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने इस पर सवाल उठाते हुए कहा, “क्या दिल्ली पुलिस को यह लगता है कि केजरीवाल की जान की कोई अहमियत नहीं है?”
बीजेपी और दिल्ली पुलिस के गठजोड़ का आरोप
सीएम आतिशी और भगवंत मान के आरोपों के बाद यह साफ है कि आम आदमी पार्टी का मानना है कि दिल्ली पुलिस और बीजेपी के बीच गठजोड़ है, जो जानबूझकर अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा में कमी कर रहा है। दोनों नेताओं ने इसे एक सुनियोजित साजिश करार दिया है, जिसमें दिल्ली पुलिस की भूमिका संदिग्ध है।
केजरीवाल पर हमले का बढ़ता सिलसिला
अरविंद केजरीवाल पर हमलों का सिलसिला अब कोई नई बात नहीं रह गई है। इससे पहले 30 नवंबर 2024 को मालवीय नगर में भी एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान केजरीवाल पर हमले की कोशिश की गई थी। इसके बाद 18 जनवरी 2025 को नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में भी उनके ऊपर पत्थर फेंके गए। यह घटनाएं इस बात का संकेत देती हैं कि केजरीवाल को निशाना बनाने की कोशिशें लगातार जारी हैं।
दिल्ली पुलिस पर सवाल
दिल्ली पुलिस के इस मामले में लगातार निष्क्रियता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। जबकि आम आदमी पार्टी और पंजाब सरकार के नेतृत्व में सुरक्षा की गंभीरता को महसूस करते हुए कदम उठाए गए थे, दिल्ली पुलिस का रवैया कुछ और ही नजर आ रहा है। अब यह सवाल उठता है कि क्या दिल्ली पुलिस का यह निष्क्रिय रवैया सत्ता की राजनीति के कारण है, या फिर किसी और कारण से वे इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
चुनावी माहौल में बढ़ी सियासी गर्मी
दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर यह मामला और भी सियासी रूप ले चुका है। आप और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला बढ़ता जा रहा है। अरविंद केजरीवाल पर हमलों का मुद्दा अब चुनावी रणनीति का हिस्सा बनता नजर आ रहा है, और आम आदमी पार्टी इसे बीजेपी के खिलाफ एक बड़ा राजनीतिक हथियार बना सकती है।