पंजाब की जेलों में हाईटेक सुरक्षा एआई आधारित सीसीटीवी कैमरे और नई तकनीक से बढ़ेगी सुरक्षा
चंडीगढ़: पंजाब की जेलों में अब तकनीकी सुरक्षा का नया दौर शुरू होने जा रहा है। राज्य सरकार ने छह और जेलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बनाई है। इन कैमरों का उद्देश्य प्रतिबंधित पदार्थों, मोबाइल फोन के उपयोग, और जेल में अव्यवस्था फैलाने वाले गतिविधियों पर नियंत्रण पाना है। इस नई तकनीक का मुख्य उद्देश्य उन कैदियों पर नजर रखना है, जो भागने की कोशिश करते हैं या जेल में अन्य आपत्तिजनक गतिविधियों में शामिल होते हैं। पंजाब के जेल मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने इस योजना की जानकारी देते हुए कहा कि इससे पहले पंजाब की आठ केंद्रीय जेलों में इस तकनीक को लागू किया गया है, जिसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं। यही कारण है कि अब इसे और जेलों में लागू किया जाएगा।
1. नई सुरक्षा उपायों का विस्तार
पंजाब के जेल मंत्री, लालजीत सिंह भुल्लर ने घोषणा की कि केंद्रीय जेल बठिंडा में ‘वी-कवच’ जैमर का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। इसके बाद अब 12 संवेदनशील जेलों में इसे स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। वी-कवच जैमर मोबाइल नेटवर्क और अन्य अवांछनीय संचार को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है, ताकि जेलों में कैदियों द्वारा अनधिकृत मोबाइल फोन के उपयोग को रोका जा सके। बठिंडा जेल में सुरक्षा के लिए एक अतिरिक्त सीआरपीएफ कंपनी भी तैनात की गई है, जिससे जेल की सुरक्षा में और सुधार होगा।
इसके अलावा, जेल मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार लुधियाना के पास 50 एकड़ क्षेत्र में 100 करोड़ रुपये की लागत से उच्च सुरक्षा वाली एक नई जेल बनाने जा रही है। इस जेल में 300 खतरनाक अपराधियों को रखा जाएगा। यह जेल विशेष रूप से उन अपराधियों के लिए बनाई जाएगी जो अपनी सजा पूरी करने के बाद भी समाज के लिए खतरा बन सकते हैं।
2. कॉलिंग सिस्टम और अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे
पंजाब सरकार ने जेलों में संचार की सुविधा को भी सुधारने की दिशा में कदम उठाए हैं। जेल मंत्री भुल्लर ने कहा कि अनधिकृत मोबाइल उपयोग को रोकने के साथ-साथ संचार की आधुनिक तकनीकों के तहत जेलों में 750 से अधिक कॉलिंग सिस्टम स्थापित किए जा रहे हैं। इन कॉलिंग सिस्टमों के माध्यम से कैदी अपने परिवार के सदस्यों और वकीलों से संपर्क कर सकेंगे। इससे उनके लिए न्यायिक प्रक्रियाओं में भाग लेना आसान होगा और परिवारों के साथ उनके रिश्ते बनाए रखने में मदद मिलेगी।
सुरक्षा को और अधिक मजबूत करने के लिए सभी 13 संवेदनशील जेलों में एक्स-रे बैगेज स्कैनर और अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा, विभाग ने अक्टूबर 2023 से एक नए खोज और विश्लेषण प्रणाली की शुरुआत की है, जो कैदियों के व्यवहार का विश्लेषण करती है और आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए खुफिया जानकारी प्रदान करती है।
3. शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्रम
पंजाब सरकार जेलों में कैदियों के पुनर्वास पर भी ध्यान दे रही है। मंत्री भुल्लर ने बताया कि ‘शिक्षा दात’ परियोजना के तहत 2200 कैदी शैक्षिक पाठ्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। इस परियोजना के माध्यम से कैदियों को शिक्षा की दिशा में एक नया अवसर प्रदान किया जा रहा है, ताकि वे जेल से बाहर आने के बाद समाज में अच्छी स्थिति में वापस आ सकें। इसके साथ ही, 513 कैदी दिसंबर 2023 से शुरू होने वाले कौशल विकास कार्यक्रमों में पंजीकरण करा चुके हैं, जिनमें इलेक्ट्रिकल वर्क, प्लंबिंग, और टेलरिंग जैसे व्यावसायिक प्रशिक्षण शामिल हैं।
4. पंजाब की जेलों के लिए नई भर्ती
जेल मंत्री भुल्लर ने यह भी बताया कि पंजाब सरकार ने जेल विभाग में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। हाल ही में 738 वार्डर और 25 मैट्रन की भर्ती की गई है, और 179 और सुरक्षा स्टाफ के पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा, 1220 नई पदों को सृजित करने की स्वीकृति दी गई है, जिससे जेल विभाग में और कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी।
पंजाब जेल विकास बोर्ड के तहत तीन काउंसलर की भी नियुक्ति की गई है, जो कैदियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर काम करेंगे। इस प्रयास से कैदियों के जीवन स्तर को सुधारने और उनकी पुनर्वास प्रक्रिया को सुगम बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
5. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित सीसीटीवी कैमरे
नई तकनीक के तहत, पंजाब जेलों में लगाए जाने वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित सीसीटीवी कैमरे ऐसे नेटवर्क से जुड़े होंगे, जो घटनाओं को रिपोर्ट करने से पहले संभावित त्रुटियों का पता लगाएंगे। इस तकनीक से छिपे हुए हथियारों, उपकरणों, और अन्य संदिग्ध वस्तुओं का पता लगाने में मदद मिलेगी। एआई कैमरे न केवल सुरक्षा बढ़ाएंगे बल्कि जेल अधिकारियों को संभावित खतरे से पहले सतर्क करेंगे, जिससे समय रहते कार्रवाई की जा सकेगी।
एआई कैमरों के जरिए, जेल अधिकारियों को 24/7 निगरानी रखने में मदद मिलेगी और वे किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दे सकेंगे। इसके साथ ही, इन कैमरों की मदद से कैदियों के व्यवहार और उनके संपर्कों का भी विश्लेषण किया जा सकेगा, जो जेलों के भीतर अव्यवस्था और हिंसा को नियंत्रित करने में सहायक होगा।