पंजाब में किसानों के आर्थिक संकट पर ताजा रिपोर्ट एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग तेज
पंजाब में फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी को लेकर किसान आंदोलन लगातार जारी है। किसानों की मांग है कि एमएसपी को कानून का रूप दिया जाए ताकि वे अपनी फसलों का उचित मूल्य प्राप्त कर सकें और उनके आर्थिक संकट को खत्म किया जा सके। इस बीच, संसद में किसानों की आर्थिक स्थिति को लेकर ताजा रिपोर्ट पेश की गई है, जो इस संकट को और गहरा करती है। रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब के 54.4 प्रतिशत किसान परिवारों पर औसतन 2.03 लाख रुपये का कर्ज है, हालांकि यह नहीं बताया गया है कि यह कर्ज कृषि लोन है या अन्य प्रकार का।
पंजाब में किसानों का बढ़ता कर्ज: चिंता का विषय
हाल ही में संसद में जो रिपोर्ट पेश की गई, उसमें पंजाब के किसानों की आर्थिक स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है। यह रिपोर्ट सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा तैयार की गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब उन शीर्ष 10 राज्यों में शामिल है, जहां किसानों पर कर्ज का प्रतिशत सबसे अधिक है। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि पंजाब के 54.4 प्रतिशत किसान परिवार औसतन 2.03 लाख रुपये के कर्ज के नीचे दबे हुए हैं। हालांकि, इस कर्ज की प्रकृति स्पष्ट नहीं की गई है, यानी यह कर्ज कृषि लोन है या अन्य किसी प्रकार का ऋण, जो किसानों की आर्थिक स्थिति को और जटिल बनाता है।
किसानों की आय पर रिपोर्ट: क्या कहता है सर्वे?
रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब में किसानों की औसत मासिक आय केवल 12,597 रुपये है, जो बहुत कम है। इसके अलावा, उनकी कुल मासिक आय 26,701 रुपये है, जिसमें फसल उत्पादन से प्राप्त आय, वेतन-भत्ते, भूमि को लीज़ पर देने, पशुपालन, और गैर-कृषि व्यवसायों से आय शामिल है। यह आंकड़े किसानों की स्थिति को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं, जहां उनकी आय के मुख्य स्रोत की तुलना में औसत आय बहुत कम है।
यह रिपोर्ट संसद में कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि मंत्रालय की तरफ से पिछले कुछ सालों में यह सर्वे कराया गया था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि कृषि क्षेत्र की स्थिति को सुधारने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कई योजनाओं की शुरुआत की गई है, जैसे प्रधानमंत्री किसान योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, और कृषि अवसंरचना कोष। इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों की वित्तीय मदद करना और उनकी आय में सुधार लाना है, हालांकि रिपोर्ट के आंकड़े इस मदद को काफी सीमित बताते हैं।
किसानों की आय बढ़ाने के लिए योजनाओं का प्रभाव
सरकार के मुताबिक, विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों की आय में बढ़ोतरी की गई है। इनमें से प्रमुख योजनाएं हैं:
- प्रधानमंत्री किसान योजना: इस योजना के तहत किसानों को सालाना 6,000 रुपये की सहायता मिलती है।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: इस योजना के तहत किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान के लिए बीमा कवर मिलता है।
- कृषि क्षेत्र के लिए संस्थागत ऋण: किसानों को कृषि कार्यों के लिए सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराए जाते हैं।
- सूक्ष्म सिंचाई निधि: यह योजना किसानों को बेहतर सिंचाई के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
- जैविक खेती को बढ़ावा देना: जैविक खेती के लिए प्रोत्साहन देने वाली योजनाएं भी चल रही हैं।
इन योजनाओं से किसानों को कुछ राहत मिली है, लेकिन रिपोर्ट से यह भी स्पष्ट होता है कि किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए अभी और कदम उठाने की जरूरत है।
एमएसपी की कानूनी गारंटी: किसानों की प्रमुख मांग
पंजाब में फसलों के एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग लगातार उठ रही है। इस मुद्दे को लेकर कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण की संसदीय स्थायी समिति ने 17 दिसंबर को संसद में अपनी रिपोर्ट पेश की थी। समिति के अध्यक्ष चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि उन्होंने एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की सिफारिश की है ताकि किसानों को अपनी फसल का उचित मूल्य मिल सके। इसके अलावा, समिति ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण सिफारिशें की हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- कृषि, पशुपालन, डेयरी फार्मिंग और मत्स्य पालन का बजट बढ़ाना: कृषि क्षेत्र के लिए अधिक धन आवंटित करने की सिफारिश की गई।
- कर्ज माफी योजना: किसानों के कर्ज को माफ करने के लिए एक व्यापक योजना बनाने का सुझाव दिया गया है।
- प्रधानमंत्री किसान स्कीम में राशि बढ़ाना: इस योजना में किसानों को दी जाने वाली राशि को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये करने की सिफारिश की गई है।
इस सिफारिश का मुख्य उद्देश्य किसानों की वित्तीय स्थिति को मजबूत करना और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित होने से बचाना है। एमएसपी को कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाने की मांग को लेकर पंजाब में किसानों के आंदोलनों का दौर जारी है, जिसमें उन्हें हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों का भी समर्थन मिल रहा है।
किसानों की स्थिति में सुधार के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए?
पंजाब में किसानों की बढ़ती संख्या कर्ज में डूबे हुए हैं, और उनकी आय पर्याप्त नहीं है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि सरकार एमएसपी की कानूनी गारंटी को लागू करने के लिए शीघ्र कदम उठाए। इसके अलावा, किसानों के कर्ज को कम करने के लिए ऋण माफी योजनाओं को लागू किया जाए और उनकी आय को बढ़ाने के लिए सटीक नीतियों का निर्माण किया जाए।
वहीं, कृषि क्षेत्र के लिए और अधिक बजट आवंटन, संस्थागत ऋण की प्रक्रिया को सरल बनाना और जैविक खेती को बढ़ावा देने वाली योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाना भी जरूरी है। किसानों के साथ मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है और कृषि क्षेत्र को लाभकारी बनाया जा सकता है।