पंजाब में आयुष्मान योजना के तहत फंड की कमी से निजी अस्पतालों ने किया इलाज से इनकार
स्वास्थ्य संकट की ओर बढ़ रहा पंजाब
पंजाब में आयुष्मान योजना के अंतर्गत जारी फंड न होने के कारण निजी अस्पतालों ने मरीजों का इलाज करने से इनकार कर दिया है। यह स्थिति प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में गंभीर संकट उत्पन्न कर रही है, जिसके चलते मरीजों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
अस्पतालों की चिंताएं और सरकार की प्रतिक्रिया
निजी अस्पतालों का कहना है कि उन्हें 600 करोड़ रुपये की राशि अभी तक जारी नहीं की गई है, जिससे वे मजबूर होकर मरीजों का उपचार नहीं कर पा रहे हैं। इसके चलते मरीजों को चिकित्सा सेवाओं तक पहुंचने में भारी बाधा आ रही है। इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए, पंजाब सरकार ने स्वास्थ्य विभाग की एक टीम को दिल्ली भेजा है।
टीम ने केंद्र सरकार के समक्ष इस मामले को उठाते हुए शीघ्र फंड जारी करने की अपील की। यदि यह समस्या जल्द सुलझ नहीं पाती, तो राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं और भी अधिक प्रभावित हो सकती हैं।
मरीजों की दिक्कतें
आयुष्मान योजना के तहत लाखों मरीजों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं मिलती हैं। लेकिन फंड की कमी के कारण अब उन्हें निजी अस्पतालों में इलाज कराने में कठिनाई हो रही है। यह स्थिति कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती है, क्योंकि मरीजों को समय पर उपचार नहीं मिल रहा है।
भविष्य की दिशा
पंजाब सरकार की कोशिश है कि जल्द ही इस मुद्दे का समाधान निकाला जाए ताकि मरीजों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। यदि केंद्र सरकार त्वरित कार्रवाई नहीं करती है, तो पंजाब में स्वास्थ्य क्षेत्र की स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।