Punjab

पंजाब पुलिस ने ISI और खालिस्तानी आतंकी संगठनों का हाथ होने की जताई संभावना, 28 दिन में आठ धमाके

पंजाब में पुलिस थानों पर लगातार हो रहे ग्रेनेड हमलों ने राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को एक नई चुनौती दी है। पिछले 28 दिनों में, पंजाब में आठ ग्रेनेड हमले हो चुके हैं, और साथ ही कई आईईडी (इम्प्राइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेस) भी बरामद हुए हैं। इस बढ़ते खतरे को देखते हुए, अब इन घटनाओं की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने शुरू कर दी है। पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव के अनुसार, इन हमलों के पीछे पाकिस्तानी एजेंसी ISI और खालिस्तानी आतंकवादी संगठनों का हाथ है।

डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि इन हमलों में शामिल प्रमुख आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा, हैप्पी पासिया, और जीवन फौजी के अलावा कई अन्य आतंकवादी मॉड्यूल्स के हैंडलर सक्रिय रूप से इन हमलों को अंजाम दे रहे हैं। इस संदर्भ में, एनआईए ने पंजाब पुलिस से संबंधित इनपुट प्राप्त कर अपनी जांच शुरू कर दी है और इसके बाद कुछ बड़ा एक्शन लेने की संभावना जताई है।

एनआईए की जांच और संभावित कार्रवाई

एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने पंजाब में लगातार हो रहे ग्रेनेड हमलों के मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच शुरू कर दी है। इस दौरान, एनआईए ने आतंकवादी संगठनों और उनके नेटवर्क को ट्रैक करना शुरू किया है, जो पंजाब में आतंकवाद की बढ़ती घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं।

पंजाब में आतंकवाद और खालिस्तान समर्थक गतिविधियों के फिर से उभरने की आशंका के कारण, एनआईए की नजर अब उन आतंकवादी मॉड्यूल्स और नेटवर्क्स पर है जो विदेशी कंट्रोल में काम कर रहे हैं और राज्य में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। एनआईए की टीम जल्द ही इस मामले में एक बड़ा एक्शन ले सकती है, जिससे पंजाब में आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों पर अंकुश लगाने की उम्मीद जताई जा रही है।

जीवन फौजी का ऑडियो और उसकी चुनौती

बीते दिनों, खालिस्तानी आतंकवादी जीवन फौजी का एक ऑडियो सामने आया था, जिसमें उसने पंजाब में हुए ग्रेनेड हमलों की जिम्मेदारी ली थी। इस ऑडियो में फौजी ने पंजाब पुलिस को सीधी चुनौती देते हुए कहा कि जब तक उनके परिवारों और प्रदेश के नौजवान युवाओं के खिलाफ गलत तरीके से पर्चे दर्ज किए जाएंगे, तब तक धमाके रुकने वाले नहीं हैं।

फौजी ने यह भी कहा कि वह 7 साल तक सेना में रहा और अब वह पंजाब में हर तीन से चार दिन के अंतराल पर इस तरह के हमलों को अंजाम देने की धमकी दे रहा है। इसके अलावा, उसने पंजाब पुलिस को चुनौती दी कि वह इस मामले को रोकने में नाकाम रहेगी। यह आडियो बयान पंजाब पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक गंभीर चेतावनी साबित हो रहा है, क्योंकि इस तरह के खुले तौर पर दी गई धमकियों से राज्य की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा सकता है।

फौजी का ऑडियो और उसकी रणनीति: ध्यान भटकाने की साजिश?

पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस ऑडियो का विश्लेषण करते हुए कहा कि जीवन फौजी का बयान न केवल ग्रेनेड हमलों के लिए जिम्मेदारी लेने का प्रयास था, बल्कि इसमें एक और उद्देश्य छिपा हुआ था। अधिकारी के अनुसार, फौजी का यह बयान ध्यान भटकाने की साजिश हो सकती है। इसने न केवल पंजाब पुलिस की कार्यवाही को चुनौती दी है, बल्कि साथ ही पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल पर हमले के आरोपी नारायण सिंह चौड़ा के सिर से पगड़ी उतरने के विवाद को धार्मिक रंग देने की कोशिश की है। इस कदम का उद्देश्य कट्टरपंथी सोच वाले लोगों की सहानुभूति हासिल करना हो सकता है।

आतंकी गतिविधियों और आतंकवादी विचारधाराओं को धार्मिक रूप देने की यह एक पुरानी रणनीति रही है, जिसका उद्देश्य स्थानीय समुदायों में कट्टरपंथी भावनाओं को भड़काना और सुरक्षा बलों के खिलाफ नफरत फैलाना है।

राणा भाई और खालिस्तानी नेटवर्क

इन ग्रेनेड हमलों की कड़ी में राणा भाई का नाम भी सामने आया है, जो मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले का निवासी है और बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) आतंकवादी संगठन का प्रमुख सरगना है। राणा भाई का नेटवर्क पंजाब में सक्रिय खालिस्तानी आतंकवादी मॉड्यूल्स को हथियार, गोला-बारूद और अन्य आपूर्ति मुहैया कराता है।

एनआईए ने राणा भाई के नेटवर्क पर विशेष नजर बनानी शुरू कर दी है। उसकी निगरानी में अब राणा के गुर्गों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। खालिस्तानी संगठन बीकेआई, केजेडएफ (कलीस्तानी जिंदाबाद फोर्स) और केटीएफ (खालिस्तानी टाइगर फोर्स) जैसे संगठनों के खिलाफ जल्द ही एनआईए बड़ा कदम उठा सकती है।

एनआईए को संदेह है कि ये संगठन पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों के लिए युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं और उन्हें सैन्य रूप से प्रशिक्षित कर रहे हैं। इसके साथ ही यह भी अनुमान है कि ये आतंकी संगठन पंजाब में अपनी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए विदेशों में बैठे उनके हैंडलरों से समर्थन प्राप्त कर रहे हैं।

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