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राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा युवाओं के भविष्य को नष्ट कर रही है, भर्ती प्रक्रिया में हो रही गड़बड़ियों पर जताई चिंता

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार (3 जनवरी) को भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा देश के युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर भाजपा की नीतियों को कटघरे में खड़ा करते हुए सरकारी भर्ती में हो रही विफलता और भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ियों को युवाओं के लिए बड़ा अन्याय बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की सरकार युवाओं के अधिकारों का उल्लंघन कर रही है और उनकी आवाज़ को दबाने का काम कर रही है।

राहुल गांधी का ट्वीट और आरोप

राहुल गांधी ने अपने एक्स अकाउंट (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “भा.ज.पा. युवाओं के भविष्य को बिल्कुल एकलव्य की तरह नष्ट कर रही है।” उन्होंने आगे कहा कि यह भर्ती प्रक्रिया में लगातार विफलता और गड़बड़ियों के कारण हो रहा है। राहुल गांधी का आरोप था कि पहले तो सरकारी नौकरियों की भर्ती ही नहीं होती, और जब होती है, तो परीक्षा समय पर नहीं होती। यदि परीक्षा हो भी जाती है, तो पेपर लीक करवा दिए जाते हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जब युवा इन समस्याओं के खिलाफ न्याय की मांग करते हैं, तो उनकी आवाज़ को बेरहमी से दबा दिया जाता है।

मध्य प्रदेश में छात्रों के खिलाफ कार्रवाई

राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में हाल ही में उत्तर प्रदेश और बिहार में हुए विरोध प्रदर्शनों का उल्लेख किया, जिनमें छात्रों ने सरकारी भर्ती में अनियमितताओं और विफलता के खिलाफ आवाज़ उठाई थी। उन्होंने कहा कि अब मध्य प्रदेश में एमपी पीएससी परीक्षा में गड़बड़ियों के खिलाफ विरोध कर रहे दो छात्रों को जेल भेज दिया गया है, जबकि मुख्यमंत्री ने इन छात्रों से मिलने और उनकी मांगों पर विचार करने का वादा किया था। राहुल गांधी ने इसे भाजपा की सरकार द्वारा छात्रों के विश्वास को तोड़ने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने के रूप में देखा।

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि “भा.ज.पा. को देश के युवाओं की आवाज़ दबाने नहीं दी जाएगी,” और कांग्रेस पार्टी छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा उनके साथ खड़ी रहेगी।

मध्य प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप

राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद, कांग्रेस पार्टी ने भी मध्य प्रदेश सरकार पर गंभीर निशाना साधा। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाते हुए एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें कुछ लोग जेल के बाहर खड़े नजर आ रहे थे। इस तस्वीर में दिखाया गया था कि कैसे एमपी पीएससी परीक्षा में गड़बड़ी के खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन कर रहे छात्रों को झूठे आरोपों में फंसा दिया गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश सरकार ने इन छात्रों को गलत तरीके से जेल भेजा, जबकि मुख्यमंत्री ने उनसे मिलने और उनके मुद्दों पर विचार करने का वादा किया था।

कांग्रेस का भाजपा पर हमला: संविधान और लोकतंत्र से नफरत

इस मुद्दे पर कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा सरकार की कार्यशैली पर हमला बोला। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने कहा कि भाजपा की सरकार “अराजकता और अन्याय” पर आधारित है। कांग्रेस का कहना था कि “मोहन सरकार” (मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार) ने संविधान और लोकतंत्र से नफरत करने का आक्षेप लगाया। कांग्रेस ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार लोकतांत्रिक अधिकारों का गला घोंट रही है और युवाओं के विरोध को दबाने के लिए तमाम प्रकार के हथकंडे अपना रही है।

कांग्रेस पार्टी ने इस पूरे मामले में सरकार से तत्काल कार्रवाई करने की मांग की और कहा कि छात्रों पर लगाए गए झूठे आरोपों को तुरंत वापस लिया जाए। कांग्रेस ने कहा कि जब युवा अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करते हैं, तो उन्हें दबाना संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ है।

एमपी पीएससी विवाद: क्या हुआ था?

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपी पीएससी) परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों ने राज्यभर में उबाल मचा दिया था। छात्रों ने इस पर विरोध जताया था, क्योंकि उन्हें लगता था कि परीक्षा प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और अनियमितताएँ हुई हैं। इसके खिलाफ छात्रों ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन किए, लेकिन इसके बावजूद दो छात्रों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिनके खिलाफ आरोप थे कि वे गड़बड़ियों का विरोध करते हुए सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन कर रहे थे।

कांग्रेस ने इस मुद्दे को भाजपा सरकार की ओर से लोकतांत्रिक अधिकारों की उपेक्षा के रूप में देखा और इसे और उभरते हुए राज्य विरोध के साथ जोड़ा।

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