2025 राजनीतिक उथल-पुथल भरा रहेगा, सूर्य देव निभाएंगे राजा और मंत्री का दायित्व
भारत में 2025 का वर्ष ज्योतिष के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ग्रहों के परिवर्तन और राशियों के बदलाव का असर न केवल देश की राजनीति और समाज पर बल्कि प्राकृतिक आपदाओं पर भी देखने को मिलेगा। उत्तराखंड में जहां एक ओर राजनीतिक उठापटक और प्रशासनिक संकट देखने को मिलेंगे, वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक आपदाओं के कारण पूरे राज्य को संकट का सामना करना पड़ सकता है।
आचार्य पवन पाठक और डॉ. मंजू जोशी जैसे ज्योतिषाचार्य इस वर्ष के ग्रहों के प्रभाव को लेकर आगाह कर रहे हैं कि 2025 का समय उत्तराखंड और अन्य राज्यों के लिए अत्यधिक चुनौतीपूर्ण होगा। यह वर्ष ना केवल राजनीतिक हलचल से भरपूर रहेगा, बल्कि भयानक प्राकृतिक आपदाओं की आशंका भी बढ़ जाएगी।
2025 में सूर्य देव निभाएंगे राजा और मंत्री का दायित्व
ज्योतिषियों के अनुसार, 2025 में राजा और मंत्री का दायित्व पूरी तरह से सूर्य देव निभाएंगे। सूर्य देव ही इस वर्ष के राजा और मंत्री के रूप में कार्य करेंगे, जो शासन और प्रशासन में महत्वपूर्ण बदलाव लाने का संकेत देते हैं। सूर्य का प्रभाव राजनीति में एक कठोर लेकिन सुधारात्मक दृष्टिकोण ला सकता है। इसके परिणामस्वरूप जनहित के कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जिससे सामान्य लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, इस वर्ष के दौरान प्राकृतिक प्रकोपों की स्थिति भी अत्यधिक गंभीर रहेगी।
उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं का खतरा
उत्तराखंड में 2025 का वर्ष गंभीर प्राकृतिक आपदाओं से जुड़ा हुआ रहेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, राज्य में बारिश, भूकंप और भूस्खलन जैसी घटनाओं की संभावना प्रबल रहेगी। राज्य की सरकार और प्रशासन के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण होगा, क्योंकि प्राकृतिक आपदाओं के प्रबंधन के लिए कठोर निर्णय लेने होंगे। आचार्य पवन पाठक के अनुसार, ग्रहों की स्थिति के कारण बृहस्पति का मिथुन राशि में प्रवेश और राहु का कुंभ राशि में आने से भूस्खलन, बाढ़ और भूकंप जैसी घटनाओं का भय रहेगा।
इसके अलावा, राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाएं हो सकती हैं, जिससे हजारों लोगों की जान और संपत्ति को नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, इस वर्ष उत्तराखंड के राजनेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के लिए राजनीतिक उथल-पुथल और फैसले लेने में कठिनाई उत्पन्न हो सकती है।
वर्ष 2025 में ग्रहों के प्रभाव
2025 में चार बड़े ग्रहों का राशि परिवर्तन हो रहा है, जो विभिन्न राशियों पर असर डालेंगे। नव वर्ष के आगमन पर बुधवार को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में सूर्योदय होगा। इस दिन चंद्रमा मकर राशि में, गुरु वृषभ राशि में वक्री, बुध ग्रह वृश्चिक राशि में और शनि कुंभ राशि में चलित रहेंगे। इस वर्ष में सूर्य देव राजा और मंत्री के रूप में कार्य करेंगे, जिससे राजनीतिक और प्रशासनिक मामलों में ठोस निर्णयों की आवश्यकता होगी।
बृहस्पति के मिथुन राशि में प्रवेश और राहु-केतु के परिवर्तन से शिक्षा, रोजगार, और सांस्कृतिक क्षेत्रों में भी बदलाव आएंगे। विशेष रूप से 14 मई को बृहस्पति का मिथुन राशि में प्रवेश राज्य की शिक्षा व्यवस्था और सांस्कृतिक जीवन पर असर डालेगा। वहीं, राहु का कुंभ राशि में और केतु का सिंह राशि में प्रवेश राज्य में वैमनस्य और सामाजिक तनाव बढ़ा सकता है।
शनि का गोचर और कठोर शासन
2025 में 29 मार्च को शनि का गोचर मीन राशि में होगा, जो मेष, मीन और कुंभ राशि के जातकों पर विशेष प्रभाव डालेगा। शनि की साढ़ेसाती और ढैया के प्रभाव के कारण इन राशियों के जातकों को कठिन समय का सामना करना पड़ सकता है। खासकर, इस दौरान आर्थिक संकट और स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं बढ़ सकती हैं। डॉ. मंजू जोशी के अनुसार, शनि के इस गोचर से सरकार की कठोरता और जनहित के कार्यों पर प्रतिकूल असर होगा, जिससे आम जनमानस को परेशानियां हो सकती हैं।
शनि के इस गोचर से कृषि और रोजगार के क्षेत्र में भी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके परिणामस्वरूप महंगाई और बेरोजगारी की स्थिति बिगड़ सकती है, जो सामाजिक और आर्थिक स्थिति को और भी जटिल बना सकती है।
राशियों के लिए भविष्यवाणियां
हर राशि के लिए 2025 का वर्ष अलग-अलग तरह से प्रभावशाली रहेगा। मेष राशि के जातकों को शरीर से कष्ट और सर्जरी की संभावना है, वहीं वृष राशि के जातकों को आर्थिक हानि और मध्यम स्वास्थ्य की समस्याएं हो सकती हैं। मिथुन और कर्क राशि के लिए वर्ष शुभ फलकारक रहेगा। इन राशियों के जातकों को इस वर्ष आर्थिक और शारीरिक दृष्टि से लाभ हो सकता है।
सिंह राशि के जातकों को स्वास्थ्य संबंधित कष्ट हो सकते हैं, जबकि कन्या, तुला और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए वर्ष शुभ रहेगा। धनु राशि के जातकों को स्वास्थ्य, शिक्षा, राजनीति और व्यापार में नुकसान हो सकता है। मकर राशि के जातकों के लिए शिक्षा क्षेत्र में सफलता मिलेगी और साढ़ेसाती की समाप्ति होगी।
कुंभ राशि के जातकों को स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता होगी, जबकि मीन राशि के जातकों के लिए वाहन और स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।