उत्तराखंड में बिजली के दाम बढ़ेंगे, यूपीसीएल ने 12 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया
देहरादून: उत्तराखंड में बिजली की दरों में फिर से वृद्धि की तैयारी की जा रही है। उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने बिजली की दरों में 12 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव अपने बोर्ड से पास करवा लिया है। इसके बाद, यूपीसीएल ने यह पिटीशन उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूकेईआरसी) को भेज दी है। आयोग अब इस प्रस्ताव का अध्ययन करेगा और सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद इसे स्वीकार करेगा। यदि आयोग इस प्रस्ताव को मंजूरी देता है, तो नई दरें आगामी 1 अप्रैल से लागू हो सकती हैं।
1. यूपीसीएल का 12 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव
बृहस्पतिवार को यूपीसीएल की बोर्ड बैठक में बिजली दरों में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी पर मुहर लग गई। इस बढ़ोतरी के बाद, उपभोक्ताओं को अपने बिजली के बिलों में इजाफा करना पड़ेगा। यूपीसीएल ने यह प्रस्ताव बिजली के उत्पादन और वितरण के बढ़ते खर्चों को देखते हुए प्रस्तुत किया है। निगम के अधिकारियों के मुताबिक, बढ़ी हुई दरों का उद्देश्य निगम के वित्तीय स्थिति को सुधारना और राज्य में विद्युत आपूर्ति को सुचारु बनाना है।
यूपीसीएल ने पहले 30 नवंबर तक अपनी पिटीशन नियामक आयोग को भेजने की योजना बनाई थी, लेकिन पहले की समस्याओं और यूपी के पुराने 4300 करोड़ रुपये के बिलों के चलते प्रक्रिया में देरी हो गई थी। इसके बाद, नियामक आयोग ने यूपीसीएल को 16 दिसंबर तक और फिर 26 दिसंबर तक का समय दिया था, जिससे अब पिटीशन फाइल की गई है।
2. बढ़ोतरी के कारण और स्थिति
उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) का कहना है कि बढ़ी हुई बिजली दरें निगम के वित्तीय संतुलन को बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं। निगम ने पिछले कुछ वर्षों में बिजली उत्पादन और वितरण में आने वाली महंगाई, जैसे कि कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि, उपकरणों की मरम्मत और कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए यह प्रस्ताव दिया है।
यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक (एमडी) अनिल कुमार ने बताया, “हमने बिजली दरों के प्रस्ताव को नियामक आयोग को भेज दिया है। आयोग के विशेषज्ञ अब इस पिटीशन का अध्ययन कर रहे हैं। सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आयोग इस पिटीशन को स्वीकार करेगा और जनसुनवाई की प्रक्रिया शुरू करेगा।”
3. यूपीसीएल और अन्य निगमों द्वारा किए गए प्रस्ताव
यूपीसीएल के प्रस्ताव के अलावा, राज्य के अन्य बिजली निगमों ने भी दरों में वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) ने अपने टैरिफ को 2.33 रुपये प्रति यूनिट से बढ़ाकर 2.83 रुपये प्रति यूनिट करने की मांग की है। इसके अलावा, उत्तराखंड पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पिटकुल) ने भी दरों में वृद्धि का प्रस्ताव रखा है।
इन तीनों निगमों के प्रस्तावों को मिलाकर, बिजली दरों में कुल बढ़ोतरी 15 प्रतिशत से अधिक हो सकती है। इससे उपभोक्ताओं को भारी महंगाई का सामना करना पड़ सकता है, जो खासकर घरेलू उपभोक्ताओं और छोटे व्यवसायों के लिए एक चुनौती बन सकती है।
4. नियामक आयोग की प्रक्रिया और जनसुनवाई
अब यूपीसीएल की पिटीशन को उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग द्वारा अध्ययन किया जाएगा। आयोग के विशेषज्ञ विभिन्न पहलुओं पर विचार करेंगे, जिसमें निगम की वित्तीय स्थिति, विद्युत उत्पादन और वितरण लागत, और अन्य संबंधित मामलों का विश्लेषण किया जाएगा।
इसके बाद, नियामक आयोग जनसुनवाई आयोजित करेगा, जिसमें आम जनता और अन्य हितधारक अपने सुझाव और आपत्तियां दे सकते हैं। जनसुनवाई के दौरान प्राप्त सुझावों के आधार पर आयोग अपनी अंतिम सिफारिशें करेगा।
5. उपभोक्ताओं पर असर
यदि नियामक आयोग इस प्रस्ताव को मंजूरी देता है, तो आगामी 1 अप्रैल से नई विद्युत दरें लागू हो सकती हैं। इस बदलाव का असर राज्य के लाखों उपभोक्ताओं पर पड़ेगा, खासकर उन लोगों पर जो कम खपत वाली श्रेणी में आते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, बढ़ी हुई दरों से उपभोक्ताओं को बिजली के बिलों में 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी का सामना करना पड़ सकता है, जो विशेष रूप से घरेलू उपयोगकर्ताओं के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। व्यापारियों और छोटे उद्योगों पर भी इसका प्रभाव पड़ने की संभावना है, क्योंकि उनकी ऊर्जा खपत अधिक होती है।
6. वित्तीय स्थिति और यूपीसीएल की दलील
यूपीसीएल ने यह भी कहा है कि निगम की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए यह कदम जरूरी था। निगम के मुताबिक, राज्य में बिजली वितरण प्रणाली के रखरखाव और सुधार के लिए आवश्यक निवेश की कमी को पूरा करने के लिए दरों में वृद्धि की जरूरत थी।
इसके अलावा, यूपीसीएल को बिजली उत्पादन और खरीद की लागत में लगातार वृद्धि का सामना करना पड़ा है, जिससे उसे अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार करने के लिए कीमतें बढ़ाने की आवश्यकता महसूस हुई।
7. क्या है अगला कदम?
नियामक आयोग अब यूपीसीएल के प्रस्ताव का अध्ययन करेगा और अगर सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है, तो बिजली दरों में वृद्धि की प्रक्रिया अगले साल की शुरुआत में लागू हो जाएगी।
इसके बाद, 1 अप्रैल से राज्य में बिजली की दरों में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी लागू हो सकती है। इस बढ़ोतरी के बाद, उपभोक्ताओं को पहले से ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी, जो एक चुनौती बन सकती है।
8. उपभोक्ताओं के लिए क्या विकल्प?
बिजली दरों में संभावित बढ़ोतरी के बाद उपभोक्ताओं के लिए यह महत्वपूर्ण होगा कि वे अपनी बिजली खपत पर नियंत्रण रखें और ऊर्जा बचत उपायों को अपनाएं। इसके लिए सरकार और निगमों द्वारा उपभोक्ताओं को ऊर्जा दक्ष उपकरणों और उपायों के बारे में जागरूक करने के प्रयास किए जा सकते हैं।
इसके साथ ही, उपभोक्ताओं को अपनी खपत को ध्यान में रखते हुए अपने बिजली बिल का बजट बनाने की जरूरत होगी, ताकि बढ़ी हुई दरों के बावजूद वे वित्तीय रूप से परेशान न हों।