उत्तराखंड में जनवरी 2025 में 1.23 लाख नए मतदाता जुड़ेंगे, 6 जनवरी को प्रकाशित होगी नई मतदाता सूची
उत्तराखंड में आगामी जनवरी माह में 1 लाख 23 हजार से अधिक नए मतदाता जोड़ने की तैयारी पूरी हो चुकी है। राज्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम 2025 के तहत 1 जनवरी 2025 की अर्हता तिथि के आधार पर तैयार की गई अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस वर्ष कुल 123250 नए मतदाताओं को वोटर लिस्ट में शामिल किया गया है, जिनमें से 58917 पुरुष, 64322 महिलाएं और 11 थर्ड जेंडर मतदाता होंगे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम ने कहा कि प्रदेश में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत डोर टू डोर अभियान युद्ध स्तर पर चलाया गया था। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को जनपदवार सुपर चेकिंग के लिए विभिन्न जनपदों का दौरा करने के निर्देश भी दिए थे, ताकि मतदाता सूची में किसी भी तरह की गड़बड़ी या त्रुटि न हो।
मतदाता सूची में नया बदलाव: जनवरी 2025 में नया प्रकाशन
इस वर्ष विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत 123250 नए मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट में जोड़े गए हैं, जिनमें पुरुषों की संख्या 58917, महिलाओं की संख्या 64322 और थर्ड जेंडर की संख्या 11 है। अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 6 जनवरी 2025 को किया जाएगा।
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रतिवर्ष विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत वोटर लिस्ट को अपडेट करने की प्रक्रिया संचालित की जाती है। इस प्रक्रिया के तहत हर वर्ष चार अर्हता तिथियां तय की जाती हैं, जिसमें 1 जनवरी, 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर शामिल हैं। 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले नागरिक इन तिथियों के आधार पर फॉर्म 6 भरकर मतदाता सूची में अपने नाम दर्ज करा सकते हैं।
डोर टू डोर अभियान और सुपर चेकिंग
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी के दिशा-निर्देशों के तहत डोर टू डोर अभियान और सुपर चेकिंग का कार्य युद्ध स्तर पर चलाया गया। इस अभियान में अधिकारियों द्वारा पोलिंग बूथों पर नियमित चेकिंग की गई, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मतदाता सूची में नाम दर्ज करने की प्रक्रिया सही तरीके से चल रही है और किसी भी मतदाता का नाम छूट न जाए।
सुपर चेकिंग अभियान का उद्देश्य
सुपर चेकिंग अभियान का उद्देश्य यह था कि हर मतदाता के नाम की सही जानकारी सुनिश्चित की जाए, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी मतदाता का नाम ग़लत तरीके से मतदाता सूची में न हो। इसके तहत अधिकारी विभिन्न पोलिंग बूथों पर जाकर मतदाताओं से फीडबैक भी लेते थे, ताकि सूची में किसी भी प्रकार की ग़लत जानकारी का पता चल सके और उसे सही किया जा सके।
5 साल में 11 लाख से अधिक नए मतदाता जोड़े गए
बीते 5 वर्षों में राज्य में 1 जनवरी की अर्हता तिथि के आधार पर कुल 11,35,590 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में जोड़े गए हैं। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 533007, महिला मतदाताओं की संख्या 602418 और थर्ड जेंडर 165 हैं। यह आंकड़ा राज्य के मतदाता सूची को अपडेट करने की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है।
वर्ष दर वर्ष मतदाताओं की संख्या
- 2020: 1 जनवरी के आधार पर 118732 मतदाता जोड़े गए थे।
- 2021: 1 जनवरी के आधार पर 140528 मतदाता जोड़े गए थे।
- 2022: 1 जनवरी के आधार पर 360686 मतदाता जोड़े गए थे।
- 2023: 1 जनवरी के आधार पर 134461 मतदाता जोड़े गए थे।
- 2024: 1 जनवरी के आधार पर 257933 मतदाता जोड़े गए थे।
इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि राज्य में हर वर्ष मतदाताओं की संख्या में वृद्धि हो रही है, जिससे यह साबित होता है कि चुनावों के प्रति नागरिकों का जागरूकता स्तर भी बढ़ रहा है।
आगामी विधानसभा चुनावों के लिए तैयारियां
उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर मतदाता सूची का सही और अद्यतन होना बेहद महत्वपूर्ण है। चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक पात्र नागरिक का नाम वोटर लिस्ट में शामिल हो, ताकि वे आगामी चुनावों में मतदान कर सकें। राज्य के निर्वाचन अधिकारी ने सभी अधिकारियों को इस बात का सख्त निर्देश दिया है कि वह यह सुनिश्चित करें कि कोई भी योग्य मतदाता चुनावी प्रक्रिया से बाहर न रहे।
मतदान प्रक्रिया को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए
उत्तराखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम ने इस दौरान कहा कि मतदाताओं को मतदान प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी देने के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। इस अभियान के तहत मतदाताओं को वोट देने का महत्व बताया जा रहा है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी मतदाता आसानी से मतदान केंद्र तक पहुंच सकें।
वंचित और अक्षम मतदाताओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं
अवसरवादी मतदाताओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं भी की गई हैं। राज्य में उन नागरिकों के लिए विशेष पोलिंग बूथ बनाए गए हैं, जो दिव्यांग हैं या जिनके लिए सामान्य मतदान केंद्रों तक पहुंचना कठिन हो सकता है। इसके अतिरिक्त, बुजुर्गों के लिए भी विशेष उपाय किए गए हैं ताकि उन्हें मतदान के लिए किसी प्रकार की परेशानी न हो।