उत्तराखंड में मौसम का बदलाव, पहाड़ों में धूप, तराई और भाबर में कड़ाके की सर्दी

उत्तराखंड में इन दिनों मौसम का मिजाज बदल रहा है। पहाड़ी इलाकों में तो सूर्य की धूप खिली हुई है, लेकिन तराई और भाबर क्षेत्र में कोहरे और कड़ाके की सर्दी ने लोगों को मुश्किल में डाल रखा है। हालात ऐसे हैं कि पहाड़ों पर बर्फबारी के संकेत नज़र नहीं आ रहे हैं, लेकिन तराई क्षेत्रों में तापमान गिरने के कारण ठंड का असर गहरा गया है।
पहाड़ों में धूप और तराई में कोहरा
बृहस्पतिवार (8 जनवरी 2025) की सुबह हल्द्वानी, रुद्रपुर, बाजपुर जैसे शहरों में घना कोहरा छाया रहा। रुद्रपुर में तो आसमान में बादल भी घिरे हुए थे, जो ठंड को और बढ़ा रहे थे। हल्द्वानी, पिथौरागढ़, नैनीताल, अल्मोड़ा, थल और बागेश्वर जैसे पहाड़ी इलाकों में कड़ाके की ठंड देखने को मिली। इन क्षेत्रों में सर्दी से परेशान लोग हीटर और अलाव के सहारे खुद को गर्म रखने की कोशिश करते दिखे।
वहीं, दूसरी ओर, पहाड़ों में दिन के समय धूप खिलने से मौसम में थोड़ी राहत मिल रही है। मुक्तेश्वर जैसे पहाड़ी इलाके में अधिकतम तापमान 17.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो कि ठंड के बीच एक छोटी सी राहत के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, तापमान में यह वृद्धि स्थायी नहीं है और कोहरे के असर के कारण कुछ समय बाद ठंड फिर से बढ़ने की संभावना है।
ठंड से परेशान लोग और व्यापार पर असर
उत्तराखंड के तराई क्षेत्रों में जब तापमान में गिरावट आती है तो ठंड का असर सड़क किनारे के दुकानदारों, ठेलों और आम लोगों पर सीधा पड़ता है। हल्द्वानी और अन्य इलाकों में लोग ठंड से बचने के लिए दुकानों और सड़क किनारे अलाव जलाने पर मजबूर हैं। बुधवार (7 जनवरी 2025) को हल्द्वानी का अधिकतम तापमान 15 डिग्री और न्यूनतम तापमान 11.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। तेज हवाओं और ठंड के कारण दिन में भी लोग ठंड से बचने के लिए अलाव के पास खड़े हुए दिखे।
ठंड के प्रभाव से व्यवसायी भी प्रभावित हुए हैं। दुकानों में रौनक कम रही और व्यापारियों ने अपनी दुकानें जल्दी बंद कर दीं। लोग अब दफ्तरों में भी हीटर और ब्लोअर के सहारे काम करने को मजबूर हैं, जिससे उनके रोजमर्रा के कार्य में भी देरी हो रही है। इस प्रकार की ठंड के मौसम में लोग अपनी दिनचर्या को पूरी तरह से बदलने के लिए बाध्य हो जाते हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र की भविष्यवाणी
देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने फिलहाल अगले कुछ दिनों तक मौसम के शुष्क रहने की संभावना जताई है। केंद्र के अनुसार, उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में कोहरे का असर बना रहेगा और इसके साथ ही तापमान में गिरावट जारी रह सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि तराई और भाबर क्षेत्रों में यह सर्दी और कोहरा अगले कुछ दिनों तक बना रह सकता है, जबकि पहाड़ी इलाकों में मौसम का मिजाज अधिकतर शुष्क रहेगा।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, आगामी दिनों में उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और नैनीताल जैसे इलाकों में बर्फबारी की संभावना कम है, लेकिन पश्चिमी विक्षोभ के असर से हल्का कोहरा और ठंड का असर बना रह सकता है। इन क्षेत्रों में अधिकतर ठंड कोहरे के कारण महसूस होगी।
क्यों बढ़ रही है ठंड?
विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तराखंड में सर्दियों में ठंड का मुख्य कारण क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति है। पहाड़ी इलाके उच्च ऊंचाई पर स्थित होने के कारण वहां का तापमान आमतौर पर कम रहता है, जबकि तराई और भाबर क्षेत्रों में समतल भूमि होने के कारण वहां हवा का दबाव और तापमान अधिक रहता है, जिससे ठंड का असर बढ़ता है। विशेषकर जब सर्दी के मौसम में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होते हैं, तो इन क्षेत्रों में अचानक तापमान में गिरावट आ जाती है, और कोहरे के कारण दृश्यता भी प्रभावित होती है।
सर्दी के बीच स्वास्थ्य पर असर
सर्दी का असर सिर्फ बाहर नहीं, बल्कि स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। ठंड में घने कोहरे के कारण धुंधलके वातावरण में सांस लेना कठिन हो सकता है, और इससे श्वसन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। खासकर अस्थमा, खांसी और सर्दी जुकाम जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसके अलावा, ठंड के कारण लोग घरों से बाहर कम निकलते हैं, जो उनके शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकता है।
इसी प्रकार, ठंड के कारण सड़कें फिसलन हो जाती हैं, जिससे सड़क दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ जाती है। विशेष रूप से पहाड़ी इलाकों में गाड़ी चलाना और भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है क्योंकि वहां बर्फबारी और घना कोहरा दुर्घटनाओं का कारण बन सकते हैं।
ठंड से बचने के उपाय
- सही कपड़े पहनें: सर्दी से बचने के लिए लोगों को ऊनी कपड़े पहनने चाहिए। विशेषकर ऊनी स्वेटर, दस्ताने और स्कार्फ का इस्तेमाल करें।
- विटामिन C का सेवन: ठंड में शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए विटामिन C का सेवन करें, जैसे कि नींबू, संतरा और अन्य फल।
- सावधान रहें: सड़क पर जाते वक्त खासकर घने कोहरे के दौरान वाहन धीमी गति से चलाएं और पैदल चलते समय भी सावधानी बरतें।
- हीटर का उपयोग: घर और दफ्तरों में हीटर का सही उपयोग करें, ताकि ठंड से बचा जा सके।