Uttarakhand

तीन साल के जश्न के बीच धामी सरकार की नवरात्र में कैबिनेट फेरबदल की संभावना

उत्तराखंड की धामी सरकार इस बार नवरात्र के अवसर पर एक अहम राजनीतिक फेरबदल के संकेत दे रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार का तीन साल का कार्यकाल 23 मार्च को पूरा हो रहा है, और इस अवसर पर राज्य में बड़े बदलावों की चर्चा जोरों पर है। जहां एक ओर मुख्यमंत्री धामी और उनकी सरकार तीन साल पूरे होने का जश्न मनाने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नवरात्रि के दौरान कैबिनेट में बदलाव की कवायद भी तेज हो गई है।

कैबिनेट में बदलाव की प्रक्रिया

सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पास राज्य मंत्रिमंडल में बदलाव के लिए एक ड्राफ्ट तैयार है, जिसे जल्द ही केंद्रीय नेतृत्व से स्वीकृति प्राप्त होने की उम्मीद है। इस ड्राफ्ट में कुछ मंत्रियों के कार्यकाल के समापन के साथ नए चेहरों को शामिल करने का प्रस्ताव है। तीन मंत्रियों के मंत्री पद से विदाई के संकेत भी मिल रहे हैं, जो उनकी कार्यकुशलता और प्रदर्शन पर आधारित हो सकती है।

इस बदलाव के दौरान, जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए नए मंत्रियों के नामों पर विचार किया जा रहा है। इस प्रकार का फेरबदल सरकार के समग्र राजनीतिक समीकरणों को मजबूत करने के उद्देश्य से किया जा रहा है, ताकि आगामी चुनावों में पार्टी की स्थिति बेहतर हो सके। खासतौर पर, राज्य की राजनीतिक फिजा में संतुलन बनाए रखने के लिए इस ड्राफ्ट में जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों का भी ख्याल रखा गया है।

पंजाबी समाज को मिल सकती है जगह

नए मंत्रिमंडल में पंजाबी समाज से एक विधायक को शामिल किए जाने की संभावना जताई जा रही है। इससे पंजाबी समाज के बीच साकारात्मक संदेश जाएगा और साथ ही क्षेत्रीय विविधताओं को भी महत्व दिया जाएगा। मंत्रिमंडल में संभावित बदलाव से पहले, मुख्यमंत्री ने केंद्रीय नेतृत्व से इस मसले पर बातचीत करने का निर्णय लिया है। हालांकि, मुख्यमंत्री का हालिया दिल्ली दौरा किसी कैबिनेट फेरबदल के लिए नहीं था, बल्कि वह एक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली गए थे।

इस बीच, सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री धामी जल्द ही केंद्रीय नेतृत्व से इस मामले पर और विचार विमर्श करने के लिए दिल्ली लौट सकते हैं, खासकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की बंगलूरू में आयोजित प्रतिनिधि सभा के बाद, जो 21 से 23 मार्च तक चलेगी।

मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा और केंद्रीय नेताओं से चर्चा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का दिल्ली दौरा हालांकि एक विवाह समारोह से जुड़ा हुआ था, लेकिन इसे राज्य मंत्रिमंडल में फेरबदल के संकेत के रूप में देखा जा रहा था। वे केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत करने के लिए बाद में फिर से दिल्ली जा सकते हैं, जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिनिधि सभा समाप्त हो जाएगी और पार्टी के केंद्रीय नेता राज्य के वर्तमान राजनीतिक समीकरणों पर विचार करेंगे।

इस बीच, भाजपा के वरिष्ठ नेता और संगठन महामंत्री बीएल संतोष प्रतिनिधि सभा में शामिल होंगे, जो संभावित रूप से आगामी फेरबदल को लेकर विचार विमर्श की प्रक्रिया को गति दे सकते हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि नवरात्र के दौरान मुख्यमंत्री धामी की तरफ से कैबिनेट में फेरबदल को लेकर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।

भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति

कैबिनेट फेरबदल से पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का नाम भी घोषित किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री धामी के दिल्ली दौरे के बाद प्रदेश भाजपा संगठन में बदलाव की चर्चा तेज हो गई है। नए प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में कई नामों की चर्चा हो रही है, जिनमें सांसद महेंद्र भट्ट का नाम प्रमुख है। हालांकि, भट्ट की हालिया सोशल मीडिया पर आलोचना और उनके बेटे द्वारा भूमि सौदे को लेकर विवाद खड़ा हो चुका है, जिसके कारण उनके नाम पर असमंजस बना हुआ है।

इसी कड़ी में, भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी का नाम भी चर्चा में है, जो पार्टी के संगठनात्मक मामलों में सक्रिय रहे हैं। इसके अलावा, दलित समुदाय से जुड़े नेताओं के नाम भी सामने आ रहे हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री खजानदास के नाम को गंभीरता से लिया जा रहा है। इस संदर्भ में वरिष्ठ विधायक विनोद चमोली और महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री दीप्ति रावत भारद्वाज का नाम भी चर्चा में है।

भाजपा में महिला और युवा चेहरों की बढ़ती भागीदारी

भाजपा संगठन में महिला चेहरों की बढ़ती भागीदारी को लेकर भी चर्चा हो रही है। विधायक आशा नौटियाल और दीप्ति रावत भारद्वाज जैसे नामों को प्रदेश अध्यक्ष के रूप में देखा जा सकता है, जो पार्टी के महिला मोर्चे में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा, पार्टी में युवाओं को भी मौका देने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। कई युवा नेताओं और विधायकों के नाम इस सिलसिले में आ रहे हैं, जिन्हें पार्टी आगामी बदलावों के तहत प्रमुख भूमिकाओं में देख सकती है।

संघ से जुड़ी प्रतिनिधि सभा और कैबिनेट फेरबदल

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की बंगलूरू में आयोजित प्रतिनिधि सभा, जो 21 से 23 मार्च तक चलेगी, का परिणाम भी कैबिनेट फेरबदल पर असर डाल सकता है। संघ की इस बैठक में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं, जिनका राज्य के मंत्रिमंडल पर असर पड़ेगा। इस संदर्भ में, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और अन्य वरिष्ठ नेता केंद्रीय नेतृत्व से इस बदलाव के लिए निर्देश प्राप्त करने की उम्मीद कर रहे हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button