Uttarakhand

केदारनाथ में बर्फबारी से कैंपों को व्यापक क्षति, यात्रा की तैयारियों पर संकट

केदारनाथ धाम में बर्फबारी के कारण यात्रा की तैयारियों को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। मार्च महीने के पहले और दूसरे सप्ताह में हुई भारी बर्फबारी के बाद से धाम में तीन फीट से अधिक बर्फ जमा हो गई है। पूरी मंदिर परिसर और मार्ग बर्फ से ढके हुए हैं, और खराब मौसम के कारण बर्फ का पिघलना मुश्किल हो रहा है। इस स्थिति में आगामी यात्रा की तैयारियों पर संकट मंडरा रहा है, क्योंकि यात्रा 2 मई से शुरू होनी है और अभी 39 दिन का समय बचा है।

बर्फबारी से मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में व्यापक नुकसान

इस साल के शुरुआती महीनों में केदारनाथ में हुई भारी बर्फबारी के बाद से स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। माघ और फाल्गुन माह में हुई बर्फबारी ने धाम में सैकड़ों टन बर्फ जमा कर दी, जिससे न केवल यात्रा की तैयारियों में रुकावट आई है, बल्कि कई निर्माण कार्य भी प्रभावित हुए हैं। केदारनाथ का मंदिर परिसर, उसकी छतें और भवनों की छतें बर्फ की मोटी परत से ढकी हुई हैं। मंदिर मार्ग से लेकर हर स्थान बर्फ से पाट गया है, जिससे यात्रियों और कर्मियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

मौसम के कारण बर्फ का पिघलना बेहद कठिन हो गया है। ज्यादातर समय धाम में बादल छाए रहते हैं, और कई बार बारिश भी हो चुकी है, जिससे बर्फ का पिघलना और धीमा हो गया है। इस समय मंदिर परिसर के अलावा, भवनों की छतों पर बर्फ की मोटी परत जमी हुई है, जो किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य के लिए गंभीर अवरोध उत्पन्न कर रही है।

बर्फबारी से कार्यदायी संस्थाओं के कैंपों को नुकसान

केदारनाथ में कार्यदायी संस्थाओं के कैंपों को भी बर्फबारी से भारी नुकसान हुआ है। पिछले कुछ दिनों में लोनिवि के कर्मचारी पैदल मार्ग से केदारनाथ पहुंचे और वहां उन्होंने देखा कि कई कार्यदायी संस्थाओं के कैंप बर्फ के कारण बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। एमआई-26 हेलिपैड के ऊपर स्थित इन कैंपों के कार्यालय और आवास भवनों की छतें बर्फ से टूटकर गिर चुकी हैं।

लोनिवि के अधिशासी अभियंता विनय झिक्वांण ने बताया कि केदारनाथ में बर्फबारी के कारण कार्यदायी संस्थाओं के कैंप को व्यापक क्षति पहुंची है। उन्होंने कहा कि बर्फ हटाने के बाद ही इस नुकसान का सही अनुमान लगाया जा सकेगा। फिलहाल गौरीकुंड से केदारनाथ तक पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का काम तीव्र गति से चल रहा है। अगर मौसम साथ देता है, तो अप्रैल के पहले सप्ताह तक पैदल मार्ग केदारनाथ तक खोलने की योजना है।

यात्रा की तैयारी में समस्याएं और संकट

2 मई से शुरू होने वाली केदारनाथ यात्रा के लिए तैयारियां करना इस समय एक बड़ी चुनौती बन गई है। बर्फबारी ने यात्रा मार्गों को बंद कर दिया है, और बर्फ को हटाने का कार्य भी मौसम के चलते रुक-रुक कर हो रहा है। केदारनाथ में बर्फ के कारण न केवल यात्री मार्गों पर अवरोध है, बल्कि निर्माण कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। यह यात्रा के सफल संचालन के लिए एक बड़ा संकट है, क्योंकि यात्री संख्या में वृद्धि की संभावना है, और हर साल की तरह बड़ी संख्या में श्रद्धालु धाम पहुंचने वाले हैं।

बर्फबारी के कारण यात्रा मार्गों पर बर्फ हटाने का कार्य बहुत धीमी गति से हो रहा है। इस समय यह काम गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ तक चल रहा है, लेकिन हर दिन बर्फबारी के कारण कार्य में रुकावटें आती रहती हैं। अधिकारियों का कहना है कि अप्रैल के पहले सप्ताह तक पैदल मार्ग को खोला जा सकता है, लेकिन मौसम की स्थिति पर यह पूरी तरह निर्भर करेगा।

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