चारधाम यात्रा के दौरान आपातकालीन सेवाओं के लिए पहली बार स्वास्थ्य परिचालन केंद्र स्थापित होगा

उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा के दौरान आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पहली बार, राज्य में एक स्वास्थ्य परिचालन केंद्र स्थापित किया जाएगा, जो यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की समुचित निगरानी और आपातकालीन मामलों में त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, और इस केंद्र को लगभग पांच करोड़ की लागत से स्थापित किया जाएगा।
स्वास्थ्य परिचालन केंद्र का उद्देश्य
चारधाम यात्रा, जो कि हर साल लाखों तीर्थयात्रियों द्वारा की जाती है, इस बार 30 अप्रैल से शुरू होने जा रही है। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, खासकर उच्च हिमालयी क्षेत्रों में जहां ठंड और ऑक्सीजन की कमी होती है। इन कठिन परिस्थितियों में यात्रियों की सेहत अचानक बिगड़ने का खतरा बढ़ जाता है, जिसके कारण हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
स्वास्थ्य परिचालन केंद्र का प्रमुख उद्देश्य यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की समुचित निगरानी रखना है, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। इस केंद्र के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग को चारधाम यात्रा के मार्ग पर हर प्रकार की स्वास्थ्य समस्या और आपात स्थिति से निपटने में मदद मिलेगी।
स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 26 मेडिकल रिस्पांस प्वाइंट और 50 स्क्रीनिंग सेंटर
चारधाम यात्रा मार्ग पर पहले से ही 26 मेडिकल रिस्पांस प्वाइंट और 50 स्क्रीनिंग सेंटर बनाए जाते हैं, जिनका उद्देश्य तीर्थयात्रियों को तत्काल स्वास्थ्य सहायता प्रदान करना है। इसके अलावा, मार्गों पर स्थायी स्वास्थ्य केंद्र और अस्पताल भी स्थित हैं।
हालांकि, अब तक यात्रा के दौरान आपातकालीन स्थिति में तुरंत स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए एक समर्पित परिचालन केंद्र नहीं था। यही कारण है कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से इस प्रकार के केंद्र की स्थापना के लिए प्रस्ताव भेजा था, और अब केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
केंद्र सरकार द्वारा 5 करोड़ की राशि मंजूर
स्वास्थ्य परिचालन केंद्र की स्थापना के लिए केंद्र सरकार ने पांच करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है। यह केंद्र विशेष रूप से चारधाम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी और आपातकालीन चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए कार्य करेगा। केंद्र सरकार का यह कदम उत्तराखंड में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
परिचालन केंद्र का कार्य और लाभ
स्वास्थ्य परिचालन केंद्र 24 घंटे काम करेगा और यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी करेगा। इस केंद्र से चारधाम यात्रा के विभिन्न मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं को समन्वयित किया जाएगा और किसी भी आपातकालीन स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
यदि किसी श्रद्धालु की हालत गंभीर होती है और उसे उच्च स्तर के उपचार की आवश्यकता होती है, तो परिचालन केंद्र से उसे हायर सेंटर रेफर किया जाएगा। इसके अलावा, यदि किसी श्रद्धालु को एयर लिफ्ट करने की आवश्यकता होती है, तो यह प्रक्रिया भी परिचालन केंद्र द्वारा तुरंत की जाएगी। इससे यात्रा के दौरान स्वास्थ्य संबंधी घटनाओं पर त्वरित प्रतिक्रिया संभव होगी, और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह केंद्र चारधाम यात्रा के दौरान सभी स्वास्थ्य सेवाओं को एक जगह से नियंत्रित करने में मदद करेगा। अब तक, यह व्यवस्था नहीं थी, और इससे यात्रियों को स्वास्थ्य संकट के दौरान एक केंद्रीकृत प्रणाली से मदद मिल सकेगी।
महानिदेशालय द्वारा स्थान उपलब्ध कराना
स्वास्थ्य विभाग ने परिचालन केंद्र के लिए महानिदेशालय में स्थान उपलब्ध करा दिया है। यह केंद्र यात्रा के दौरान उत्पन्न होने वाली किसी भी आपातकालीन स्थिति पर तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार रहेगा। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि यात्रा शुरू होने से पहले इस परिचालन केंद्र को स्थापित कर लिया जाए, ताकि यह केंद्र यात्रा के दौरान पूरी तरह से सक्रिय हो सके।
टीम और उपकरणों की उपलब्धता
स्वास्थ्य परिचालन केंद्र में विशेषज्ञ चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ और अन्य मेडिकल पेशेवरों की एक टीम तैनात की जाएगी। इसके अलावा, इस केंद्र में आवश्यक चिकित्सा उपकरणों और दवाइयों का भी पर्याप्त स्टॉक होगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यात्रा के दौरान किसी भी श्रद्धालु को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने पर तत्काल सहायता मिल सके।
प्रदेश सरकार का उद्देश्य: “किसी भी श्रद्धालु की मौत न हो”
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस बार उनका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यात्रा के दौरान किसी भी श्रद्धालु की मौत न हो। इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं और स्वास्थ्य सुविधाओं को पूरी तरह से सुसज्जित किया जा रहा है। स्वास्थ्य परिचालन केंद्र के माध्यम से यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा, जिससे तीर्थयात्रियों को यात्रा के दौरान अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक अनुभव मिल सके।