Uttarakhand

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का देहरादून से गहरा नाता एक परिवारिक और व्यक्तिगत कनेक्शन

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का देहरादून से एक गहरा और भावनात्मक संबंध था, जो उनके परिवार और बचपन के अनुभवों से जुड़ा हुआ था। उनके भाई हरभजन सिंह कोहली का परिवार रेसकोर्स रोड, देहरादून में रहता था, और इसी नाते डॉ. सिंह का यह शहर उनके लिए हमेशा विशेष रहा। बचपन में, मनमोहन सिंह और उनके भाई हरभजन सिंह के बीच गहरे संबंध थे, और वे साथ मिलकर साइकिल चलाने और फुटबॉल खेलने जैसी सामान्य लेकिन यादगार गतिविधियों में समय बिताते थे। मनमोहन सिंह जब भी अपने भाई से मिलते, वे अक्सर बचपन की इन सरल, मगर प्यारी यादों का जिक्र कर आनंदित होते थे।

इससे यह स्पष्ट होता है कि मनमोहन सिंह के दिल में देहरादून और उनके परिवार के प्रति एक विशेष जगह थी। उनके जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से इस शहर और यहां के लोगों से जुड़े हुए थे, और उनका इस शहर के प्रति लगाव हमेशा बरकरार रहा।

बचपन में मां की कमी और चाची का पालन

मनमोहन सिंह का बचपन दुखों से भरा था, क्योंकि उनकी मां का निधन जब वे छोटे थे, तब हो गया था। इसके बावजूद, उनके जीवन में एक अन्य महिला का विशेष स्थान था, जो उनके पालन-पोषण की जिम्मेदारी निभा रही थीं। यह महिला उनके भाई हरभजन सिंह की मां, रामदत्ती कौर थीं, जिन्होंने मनमोहन सिंह को अपनी संतान की तरह पाला। इसी कारण, मनमोहन सिंह का अपने भाई और भतीजों के प्रति विशेष प्रेम था। हरभजन सिंह और उनकी पत्नी के साथ बिताए गए वर्षों ने मनमोहन सिंह को एक मजबूत पारिवारिक संबंधों की भावना दी, और यही कारण था कि वे अपने परिवार के प्रति हमेशा समर्पित और प्रेमपूर्ण बने रहे।

हालांकि, हरभजन सिंह का निधन छह साल पहले हो चुका है, लेकिन उनके परिवार, विशेषकर उनके भतीजे हरमीत सिंह, आज भी देहरादून में रेसकोर्स रोड पर रहते हैं। हरमीत सिंह के परिवार में डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद शोक की लहर दौड़ गई है। हरमीत और उनका परिवार तुरंत दिल्ली के लिए रवाना हो गया, और परिवार के सभी सदस्य इस मुश्किल घड़ी में एक साथ खड़े हैं।

मनमोहन सिंह के परिवार के साथ रिश्ते: एक गहरी लगाव की कहानी

हरमीत सिंह ने अपने चाचा, डॉ. मनमोहन सिंह के साथ अपनी कई पुरानी यादों को साझा किया। उन्होंने बताया कि वह हमेशा अपने चाचा से सामान्य परिवारिक बातचीत करते थे, जैसे कि एक सामान्य परिवार में चाचा-भतीजों के बीच होती है। हालांकि, हाल के वर्षों में मनमोहन सिंह की तबियत ठीक नहीं रही, जिसके चलते वे पहले जैसे साप्ताहिक या मासिक मिलनों में नहीं भाग ले पाते थे। फिर भी, हरमीत ने बताया कि जब भी उन्हें समय मिलता, वे चाचा से मिलने जाते थे और उनकी स्थिति का ख्याल रखते थे।

2018 में डॉ. मनमोहन सिंह देहरादून आए थे, जब वे स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे। हालांकि, इसके बाद सेहत के चलते वह देहरादून नहीं आ पाए थे, लेकिन देहरादून और उनके परिवार से जुड़ी यादें उनके दिल में हमेशा ताजा थीं।

घर के प्रत्येक सदस्य के बारे में जानकारी रखना

हरमीत ने यह भी बताया कि डॉ. मनमोहन सिंह को अपने परिवार के हर सदस्य की पूरी जानकारी थी। जब भी वह प्रधानमंत्री हाउस जाते, तो वह न सिर्फ अपने परिवार के वरिष्ठ सदस्यों से, बल्कि घर के छोटे बच्चों से भी पूरी तरह से परिचित रहते थे। उनका यह दयालु और व्यक्तिगत दृष्टिकोण उन्हें एक आदर्श नेता बनाता था, जो अपने परिवार के प्रति अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को भी पूरी तरह निभाते थे।

प्रधानमंत्री हाउस में अपने परिवार का स्वागत करना

मनमोहन सिंह का प्रधानमंत्री बनने के बाद भी अपने परिवार के प्रति यह स्नेह कभी कम नहीं हुआ। हरमीत सिंह बताते हैं कि पीएम हाउस में परिवार के सदस्य जब भी जाते थे, डॉ. मनमोहन सिंह स्वयं उनका स्वागत करते थे। कई बार ऐसा हुआ कि परिवार के कुछ सदस्य जाने के लिए अनुमति लेते, लेकिन जब अधिक लोग पहुंच जाते, तो पीएम खुद जाकर कुर्सियां लाते थे, ताकि किसी को असुविधा न हो। यह उनके व्यक्तित्व की विशेषता थी, जो हमेशा अपने परिवार और रिश्तेदारों के साथ सादगी और सहृदयता से पेश आते थे।

इस प्रकार के छोटे लेकिन महत्वपूर्ण उदाहरण डॉ. मनमोहन सिंह के जीवन की सच्चाई को उजागर करते हैं, जो एक महान नेता के साथ-साथ एक शानदार पारिवारिक व्यक्ति भी थे।

देहरादून से राजनीतिक जुड़ाव: प्रेमनगर गुरुद्वारे और स्थानीय संबंध

मनमोहन सिंह का देहरादून के लोगों से सिर्फ परिवारिक ही नहीं, बल्कि राजनीतिक संबंध भी थे। उनकी राजनीति में दून के कई नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ करीबी रिश्ते थे। देवेंद्र सेठी, जो कांग्रेस के सक्रिय सदस्य रहे हैं, के साथ उनके मजबूत संबंध थे। कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष जसवीर सिंह गोगी बताते हैं कि डॉ. मनमोहन सिंह ने देवेंद्र सेठी को राजनीतिक तौर पर आगे बढ़ाने में भी मदद की थी। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि डॉ. मनमोहन सिंह का देहरादून और यहां के लोगों से गहरा और व्यक्तिगत जुड़ाव था।

इसके अलावा, वह प्रेमनगर गुरुद्वारे में माथा टेकने के लिए भी आते थे। गुरुद्वारे में उनकी उपस्थिति एक सामाजिक और धार्मिक जुड़ाव का प्रतीक थी, जो उनकी सादगी और संयमित जीवनशैली को दर्शाता था।

पोंटा साहिब में चुनाव प्रचार

मनमोहन सिंह का देहरादून और पोंटा साहिब से भी राजनीतिक संबंध थे। कांग्रेस के तत्कालीन महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा बताते हैं कि वह पोंटा साहिब में चुनाव प्रचार के दौरान डॉ. मनमोहन सिंह के साथ गए थे। उनके साथ यात्रा करते हुए उन्होंने पोंटा साहिब में चुनाव प्रचार की गतिविधियों को नजदीक से देखा और अनुभव किया। यह कनेक्शन डॉ. मनमोहन सिंह के विस्तृत राजनीतिक नेटवर्क और उनके नेतृत्व की क्षमता को भी दर्शाता है।

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