Uttarakhand

नगर निकाय चुनाव भाजपा और कांग्रेस ने अपनी सूची जारी की, हल्द्वानी में कांटे की टक्कर

हल्द्वानी: उत्तराखंड में होने वाले नगर निकाय चुनावों के लिए राजनीतिक दलों ने अपने-अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों ने शुक्रवार को अपने प्रत्याशियों का ऐलान किया, जिससे चुनावी माहौल गरमा गया है। भाजपा ने जिले की पांच नगर पालिकाओं और एक नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की, जबकि कांग्रेस ने भी नगर पालिका अध्यक्षों के अलावा हल्द्वानी मेयर सीट के लिए अपने प्रत्याशी का नाम घोषित किया।

1. भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों का ऐलान

भा​जपा ने अपनी सूची शुक्रवार रात 10 बजे जारी की, जिसमें नगर पालिका और नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए नामों का ऐलान किया गया। इसके तहत, नैनीताल नगर पालिका से जीवंती देवी, रामनगर से मदन जोशी, भवाली से प्रकाश आर्या, भीमताल से कमला आर्या, और कालाढूंगी से कविता वालिया को टिकट दिया गया है। इसके अलावा लालकुआं नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए प्रेम पंडित को टिकट दिया गया है।

वहीं, कांग्रेस ने भी अपने प्रत्याशियों की सूची जारी की। हल्द्वानी मेयर के लिए ललित जोशी का नाम घोषित किया गया, जबकि अन्य नगर पालिकाओं के अध्यक्ष पदों के लिए सरस्वती खेतवाल (नैनीताल), सीमा टम्टा (भीमताल), पंकज कुमार आर्या (भवाली), और भावना सती (कालाढूंगी) को टिकट दिया गया है। हालांकि, रामनगर और लालकुआं नगर पंचायत के लिए कांग्रेस ने अभी तक उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है।

2. भाजपा में कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता

भा​जपा ने इस बार नगर पालिका और पंचायतों के अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों को चुनते समय संगठन के सामान्य कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी है। भाजपा ने यह सुनिश्चित किया कि वह अपने पुराने और मेहनती कार्यकर्ताओं को मौका दे, जिन्होंने पार्टी और समाज के हित में वर्षों से काम किया है। उदाहरण के तौर पर, नैनीताल नगर पालिका के लिए जीवंती देवी, जो पार्टी की सक्रिय कार्यकर्ता हैं, को टिकट दिया गया है। जीवंती का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी समर्थन प्राप्त है और वह महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष रह चुकी हैं।

रामनगर में पार्टी ने नगर मंडल अध्यक्ष मदन जोशी को उम्मीदवार बनाया है। मदन जोशी भाजपा के एक महत्वपूर्ण चेहरे माने जाते हैं, जो सांसद अनिल बलूनी और विधायक दीवान सिंह बिष्ट के करीबी माने जाते हैं। यह उनका दीर्घकालिक राजनीतिक अनुभव और संगठन में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें टिकट दिया गया है।

3. कांग्रेस ने संघर्ष और समर्पण को तरजीह दी

कांग्रेस ने भी इस बार ऐसे उम्मीदवारों को चुना है, जिनका पार्टी से गहरा नाता रहा है और जिन्होंने अपने क्षेत्र में समाजसेवा और संघर्ष के जरिए पहचान बनाई है। हल्द्वानी मेयर के लिए कांग्रेस ने ललित जोशी को टिकट दिया है, जो पार्टी के एक समर्पित कार्यकर्ता और राज्य आंदोलनकारी रहे हैं। ललित जोशी का राजनीतिक करियर छात्र जीवन से ही शुरू हुआ था और उन्होंने कांग्रेस में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।

कांग्रेस ने महिलाओं को भी अहम जिम्मेदारी दी है। सरस्वती खेतवाल को नैनीताल नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी बनाया गया है। खेतवाल समाजसेवा से जुड़ी रही हैं और उन्होंने लंबे समय तक रेडक्रॉस जैसी संस्थाओं के लिए काम किया है। वहीं, भीमताल नगर पालिका के लिए सीमा टम्टा को टिकट दिया गया है, जो पार्टी की एक सक्रिय कार्यकर्ता हैं और उनके क्षेत्र में अच्छा प्रभाव है।

4. डैमेज कंट्रोल: भाजपा में नाराजगी

जहां एक ओर भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की, वहीं टिकट न मिलने से कई दावेदार नाराज भी हुए हैं। रामनगर और भवाली जैसे क्षेत्रों में टिकट न मिलने से पार्टी के कुछ समर्थकों और दावेदारों में असंतोष देखने को मिल रहा है। हालांकि, भाजपा के विधायक और संगठन के पदाधिकारी इस नाराजगी को शांत करने में लगे हुए हैं। उन्हें पार्टी के निर्देशों के तहत समझाने का काम किया जा रहा है।

5. कांग्रेस की आंतरिक रायशुमारी और फैसले

कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों को लेकर कई दौर की रायशुमारी की, जिसके बाद ललित जोशी को हल्द्वानी मेयर के रूप में प्रत्याशी बनाया। पार्टी ने उनका चुनावी इतिहास और संघर्ष को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया। ललित जोशी की दीर्घकालिक पार्टी सेवा और संघर्ष ने उन्हें कांग्रेस का विश्वासपात्र बना दिया। इसके साथ ही कांग्रेस ने महिला उम्मीदवारों को भी चुनावी मैदान में उतारा है, जिनमें सरस्वती खेतवाल, सीमा टम्टा और भावना सती प्रमुख हैं।

6. स्थानीय मुद्दों पर फोकस

नगर निकाय चुनावों में स्थानीय मुद्दों की अहमियत को देखते हुए दोनों पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों के चयन में क्षेत्रीय समस्याओं को भी प्रमुख माना है। भाजपा ने जिन उम्मीदवारों को टिकट दिया है, वे सभी अपने क्षेत्रों में सक्रिय रहे हैं और स्थानीय मुद्दों को अपने अभियान का हिस्सा बनाएंगे। कांग्रेस भी इसी रणनीति पर काम कर रही है, जहां वह अपने उम्मीदवारों को क्षेत्रीय समस्याओं का समाधान करने के रूप में पेश करेगी।

7. हल्द्वानी मेयर पद पर रोचक मुकाबला

हर्ष और मंथन के बाद, हल्द्वानी मेयर पद के लिए कांग्रेस ने ललित जोशी को अपना प्रत्याशी घोषित किया, जबकि भाजपा की ओर से प्रत्याशी का नाम शनिवार को घोषित किया जा सकता है। हल्द्वानी मेयर पद के लिए दोनों पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना है। ललित जोशी की छवि एक संघर्षशील नेता की रही है, जो पहले भी कई आंदोलनों में सक्रिय रहे हैं, वहीं भाजपा का उम्मीदवार इस चुनाव में किसे चुनेगा, यह भी देखने लायक होगा।

8. आगामी चुनावों में जनता के लिए चुनौती

उत्तराखंड के नगर निकाय चुनावों में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखा जाएगा। दोनों दल अपने-अपने उम्मीदवारों के जरिए चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं, लेकिन यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि पार्टी के अंदर कोई असंतोष ना हो। दोनों दलों के लिए यह चुनावी दौड़ केवल सत्ता की नहीं, बल्कि संगठन की शक्ति और जनता के बीच अपनी पकड़ को मजबूत करने की भी चुनौती है।

अंततः, नगर निकाय चुनावों के परिणाम यह तय करेंगे कि कौन सी पार्टी अपने नेतृत्व और उम्मीदवारों के माध्यम से जनता की उम्मीदों पर खरा उतर पाती है।

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