Uttarakhand

डिजिटल क्षेत्र में उत्तराखंड की नई दिशा, मुख्यमंत्री धामी ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और साइबर सुरक्षा की ओर उठाए अहम कदम

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (ITDA) और नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) द्वारा विकसित की गई विभिन्न डिजिटल परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे डिजिटल पहल की सराहना की और इसे राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। इस नए डिजिटल ढांचे का उद्देश्य सार्वजनिक सेवाओं को अधिक पारदर्शी, कुशल और समावेशी बनाना है।

डिजिटल सेवाओं का विस्तार

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आज के डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा और डेटा सुरक्षा की चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं, और इन चुनौतियों के समाधान के लिए नई तकनीकों को अपनाना जरूरी है। इसके लिए ITDA और NIC ने मिलकर कई डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित किए हैं, जिनका उद्देश्य जनता को अधिक सुविधाजनक तरीके से विविध प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराना है। इन प्लेटफार्मों का इस्तेमाल करते हुए अब लोग एक ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से विभिन्न सरकारी सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह डिजिटल पहल पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाने में सहायक साबित होगी, क्योंकि इन प्लेटफार्मों के माध्यम से विभागों के कार्यों की प्रगति को ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकेगा।

S3WaaS – साइबर सुरक्षा में एक कदम आगे

मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से “S3WaaS” (Secure, Scalable, and Sugamya Website as a Service) फ्रेमवर्क की सराहना की। यह फ्रेमवर्क सरकारी विभागों की वेबसाइटों को साइबर सुरक्षा की दृष्टि से अधिक मजबूत और सुरक्षित बनाएगा। मुख्यमंत्री ने इसे एक मील का पत्थर बताया, जो राज्य की डिजिटल सेवाओं को एक नई दिशा देगा। उन्होंने बताया कि यह फ्रेमवर्क सरकारी वेबसाइट्स की सुरक्षा को सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा, जिससे राज्य के नागरिकों के लिए इन वेबसाइट्स से जुड़ी सेवाएं अधिक सुरक्षित और प्रभावी हो सकेंगी।

आधार आधारित सेवाओं के लिए नई पहल

मुख्यमंत्री धामी ने राज्य के नागरिकों के लिए आधार आधारित सेवाओं की दिशा में किए गए प्रयासों को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि राज्य को UIDAI द्वारा “AUA (Authentication User Agency)” और “KUA (KYC User Agency)” के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है। इसके परिणामस्वरूप राज्य के विभिन्न विभाग अब आधार ऑथेंटिकेशन और ई-केवाईसी सेवाओं को प्रदान कर सकेंगे। इन सेवाओं के माध्यम से नागरिकों को डिजिटल रूप से अधिक पारदर्शी और सुरक्षित तरीके से सेवाएं मिल सकेंगी, जैसे कि UCC (Universal Citizen’s Card), वर्चुअल रजिस्ट्री और अन्य सरकारी पोर्टल्स के माध्यम से।

राज्य डाटा सेंटर की सुरक्षा में सुधार

मुख्यमंत्री ने राज्य डाटा सेंटर की भी तारीफ की और बताया कि पिछले दिनों हुए साइबर हमलों के बाद इस सेंटर में सुरक्षा को और अधिक मजबूत किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य डाटा सेंटर में अब एक नियर डिजास्टर रिकवरी (NDR) सिस्टम स्थापित किया गया है, जो किसी भी आपात स्थिति में 15 मिनट के अंदर संवेदनशील एप्लिकेशन और वेबसाइट को फिर से चालू कर सकता है। इस कदम से राज्य के सभी डिजिटल प्लेटफार्मों की निरंतरता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य डाटा सेंटर के अधीन सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर (SOC) 24 घंटे सक्रिय है, जिससे किसी भी प्रकार के साइबर हमले को तुरंत रोकने के लिए कार्रवाई की जा सकती है। यह कदम राज्य की डिजिटल प्रणाली को और भी सुरक्षित और सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

सभी विभागों को डिजिटल सेटअप के लिए निर्देश

मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे डिजिटल सेवाओं को सही तरीके से लागू करने के लिए एक बेहतर सेटअप तैयार करें। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी सूचनाएं हमेशा अपडेट रहें, ताकि डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से नागरिकों को सही और समय पर सेवाएं मिल सकें। मुख्यमंत्री ने ITDA को भी निर्देश दिए कि वे सभी विभागों को नई विकसित प्लेटफॉर्म्स पर सुगमता से कार्य करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करें।

राज्य में डिजिटल क्रांति के लिए समर्थन

मुख्यमंत्री ने ITDA और NIC द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और भविष्य में भी इन दोनों संस्थाओं को उत्तराखंड में आईटी के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि यह डिजिटल पहल उत्तराखंड में एक नई डिजिटल क्रांति का आगाज करेगी, जो न केवल सरकारी सेवाओं को बेहतर बनाएगी, बल्कि नागरिकों की जिंदगी को भी सरल और सहज बनाएगी।

बैठक में शामिल अन्य प्रमुख अधिकारी

इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, ITDA की निदेशक नीतिका खंडेलवाल, पंकज पांडे, दीपेंद्र चौधरी, डॉ. आर. राजेश कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित थे। इन अधिकारियों ने राज्य के डिजिटल ढांचे को और भी प्रभावी बनाने के लिए अपने विचार साझा किए और कई महत्वपूर्ण कदमों की योजना बनाई।

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