उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव की तैयारियां पूरी, आपत्तियों का निपटारा
उत्तराखंड के 100 नगर निकायों में मेयर, अध्यक्ष से लेकर वार्डों के आरक्षण को लेकर आई आपत्तियों का निपटारा रविवार की देर रात तक कर दिया गया। शहरी विकास निदेशालय ने इस प्रक्रिया को पूरी करने के बाद संबंधित रिपोर्ट शासन को भेज दी है। अब इस रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद राज्य सरकार निकायों की अंतिम अधिसूचना जारी करेगी, जिसके बाद चुनाव आयोग को चुनाव के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसके साथ ही राज्य में नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने की उम्मीद जताई जा रही है।
शहरी विकास निदेशालय द्वारा आपत्तियों का समाधान
निकाय चुनाव की तैयारी अब अपने अंतिम चरण में है। शहरी विकास निदेशालय ने शनिवार की देर रात तक कार्य करते हुए मेयर, नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्षों के आरक्षण को लेकर आई आपत्तियों का समाधान किया। इसके बाद रविवार को भी निदेशालय और जिलों के अफसरों ने काम किया और सभी आपत्तियों का निपटारा किया।
निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि रिपोर्टों का अध्ययन करने के बाद शासन निकायों के लिए अंतिम अधिसूचना जारी करेगा। इसके बाद चुनाव आयोग को चुनाव के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा और आयोग चुनाव के कार्यक्रम को तैयार कर शासन के पास भेजेगा। इसके बाद हरी झंडी मिलते ही चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
आपत्तियों के निपटारे का सिलसिला
रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को जिलों से आपत्तियों को लेकर रिपोर्ट आनी जारी रही। देहरादून, अल्मोड़ा और हरिद्वार जिलों को छोड़कर बाकी सभी जिलों की रिपोर्ट निदेशालय को प्राप्त हो चुकी थी। अधिकारियों का कहना था कि शेष जिलों की रिपोर्ट भी देर रात तक प्राप्त हो जाएगी और शासन को भेज दी जाएगी।
आपत्तियों को लेकर शहरी विकास निदेशालय ने एक नियमावली के तहत आरक्षण रोस्टर तैयार किया था, जिसके आधार पर आपत्तियों का निपटारा किया गया। इस नियमावली के तहत ही रिपोर्ट तैयार की गई है। जिलाधिकारियों ने भी अपने स्तर पर इस नियमावली का पालन करते हुए आपत्तियों की सुनवाई और निपटारे का कार्य किया।
चुनाव की अधिसूचना की तैयारी
शहरी विकास निदेशालय द्वारा रिपोर्ट शासन को भेजे जाने के बाद अब राज्य सरकार इन रिपोर्टों का अध्ययन करेगी। रिपोर्ट की जांच के बाद शासन निकायों की अंतिम अधिसूचना जारी करेगा, जिसे चुनाव आयोग के पास भेजा जाएगा। इसके बाद चुनाव आयोग निकाय चुनाव के लिए कार्यक्रम तैयार करेगा और शासन को भेजेगा।
अधिसूचना जारी होने के बाद प्रदेश में आचार संहिता लागू हो जाएगी। इसके बाद उम्मीदवारों के चुनावी अभियान की शुरुआत होगी और चुनाव प्रचार की प्रक्रिया भी तेज हो जाएगी।
नियमावली और आपत्तियों का निपटारा
शहरी विकास निदेशालय द्वारा तैयार की गई नियमावली के तहत आरक्षण रोस्टर के अनुसार ही आपत्तियों को परखा गया। यह नियमावली पहले ही सार्वजनिक की जा चुकी थी, और इसके अनुसार ही मेयर, अध्यक्ष और वार्डों के आरक्षण का निर्धारण किया गया था। आपत्तियों को लेकर प्राप्त सभी दावों की सुनवाई की गई और उन्हें कानून के हिसाब से निपटारा किया गया।
जिलाधिकारियों ने भी इसी नियमावली का पालन करते हुए आपत्तियों की सुनवाई की और उनका समाधान किया। यह प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से की गई ताकि चुनाव की प्रक्रिया में कोई असमंजस या विवाद न उत्पन्न हो।
आगामी चुनाव की दिशा
अब जब आपत्तियों का निपटारा कर दिया गया है और रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है, राज्य सरकार चुनाव की अधिसूचना जारी करने के लिए तैयार है। इसके बाद चुनाव आयोग को प्रस्ताव भेजा जाएगा, और आयोग अपनी योजना के तहत चुनाव कार्यक्रम तैयार करेगा।
आमतौर पर, चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ ही आचार संहिता लागू हो जाती है। इसके बाद चुनावी प्रचार तेज हो जाएगा, और प्रदेश के नागरिकों को मतदान के लिए प्रेरित किया जाएगा। चुनावी प्रक्रिया के तहत उम्मीदवारों की ओर से प्रचार और सभा का आयोजन शुरू होगा, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हर नागरिक की भागीदारी सुनिश्चित होगी।