उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों की धमाकेदार शुरुआत, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की तैयारियों पर चर्चा
देहरादून: उत्तराखंड के खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों के लिए साल 2025 बेहद खास है, क्योंकि इस साल 28 जनवरी से राज्य में 38वें राष्ट्रीय खेलों का आगाज होने जा रहा है। इस आयोजन के लिए राज्य की सरकार और स्थानीय खिलाड़ी दोनों ही पूरी तैयारी में जुटे हैं। खिलाड़ी अधिक से अधिक पदक जीतने के लिए अपनी मेहनत और अभ्यास में लगे हैं, जबकि राज्य सरकार ने इस ऐतिहासिक आयोजन को सफल और यादगार बनाने के लिए कमर कस ली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस आयोजन की तैयारियों पर विशेष ध्यान दिया है और आगामी राष्ट्रीय खेलों को लेकर राज्यवासियों से अपील भी की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की विशेष अपील
38वें राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह आयोजन न केवल उत्तराखंड बल्कि देशभर के खिलाड़ियों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर साबित होगा। इस बार, राष्ट्रीय खेलों में देशभर से लगभग 10,000 से अधिक खिलाड़ी उत्तराखंड पहुंचने वाले हैं, और यह आयोजन राज्य की खेल और सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत करने का एक बेहतरीन अवसर होगा।
सीएम धामी ने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा, “हमारे घरों में दीप जलाएं और हर घर को रोशन करें ताकि हम इन खिलाड़ियों का स्वागत कर सकें। महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा पहनकर खिलाड़ियों का स्वागत करें, जैसे जी-20 सम्मेलन के दौरान प्रदेश की महिलाओं ने विदेशी मेहमानों का स्वागत किया था।” मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय खेलों को ऐतिहासिक बनाने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इस आयोजन की हर एक तैयारी की रोज़ समीक्षा की जा रही है।
प्रदेशवासियों को प्रेरित करने की अपील
मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी लोगों से अपील की कि वे इस आयोजन का हिस्सा बनें। उन्होंने कहा, “हर व्यक्ति, माता-बहन, बड़े-बुजुर्ग, और बच्चे सभी को इन राष्ट्रीय खेलों में सम्मिलित होना चाहिए। किसी न किसी रूप में हर एक व्यक्ति इन खेलों का स्वागत करे और इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने में अपना योगदान दे।” इस अपील का उद्देश्य खेलों के प्रति उत्साह और राज्य के प्रति गर्व को बढ़ावा देना है।
राष्ट्रीय खेलों के लिए तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ी गई
सीएम धामी ने राष्ट्रीय खेलों के लिए तैयारियों पर जोर देते हुए कहा, “हमने पूरी तरह से तैयारियां कर ली हैं ताकि हर खिलाड़ी उत्तराखंड से अच्छा अनुभव लेकर जाए।” उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार के अधिकारियों, खेल विभाग, जिलाधिकारियों, खेल संघों के पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
“हमारे राज्य का रजत जयंती वर्ष है, और इसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है। रजोत्सव के दौरान यह आयोजन न केवल खेलों के क्षेत्र में, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहर को भी प्रदर्शित करेगा,” सीएम धामी ने कहा। उन्होंने यह भी कहा कि इस आयोजन के माध्यम से प्रदेश के विकास और समृद्धि को एक नई दिशा मिलेगी।
राज्य की रजत जयंती वर्ष की महत्वपूर्ण उपलब्धियां
साल 2025 राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष है क्योंकि यह उत्तराखंड राज्य का रजत जयंती वर्ष भी है। इस वर्ष में कई महत्वपूर्ण आयोजन और योजनाएं शुरू होने जा रही हैं, जिनमें राष्ट्रीय खेलों के साथ-साथ अन्य सामाजिक और विकासात्मक पहल भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने रजत जयंती के मौके पर राज्य में आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए कहा कि यह वर्ष राज्य के लिए कई उपलब्धियां लेकर आएगा।
उन्होंने बताया कि राज्य ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय उत्तराखंडी प्रवासी सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें 17 देशों से आए हुए उत्तराखंडी अपनी मातृभूमि से जुड़ने के लिए आए। इन प्रवासियों का राज्य के आर्थिक विकास में योगदान महत्वपूर्ण रहेगा। इसके अलावा, उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू करने की योजना भी है, जिसे सरकार जल्द ही लागू करेगी। मुख्यमंत्री ने इसे पूरे देश के लिए एक उदाहरण बताते हुए कहा कि यह कदम प्रदेश की विविधता को सम्मान देने और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
राज्य की खेल नीति और खिलाड़ियों का भविष्य
राष्ट्रीय खेलों का आयोजन उत्तराखंड के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होने वाला है। सीएम धामी ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने खिलाड़ियों के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और खेल सुविधाएं प्रदान करने के लिए कई कदम उठाए हैं। उनके अनुसार, उत्तराखंड में खेलों के प्रति बढ़ता हुआ रुझान और राज्य सरकार की प्रयासों से आने वाले समय में यहां के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाएंगे।
उन्होंनें यह भी कहा कि खेलों का आयोजन राज्य के पर्यटन और खेल उद्योग को भी बढ़ावा देगा। यह राज्य को एक प्रमुख खेल केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा।
राज्य का गौरव बढ़ाने का सपना
38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन राज्य के लिए न केवल खेलों में सफलता का प्रतीक होगा, बल्कि यह प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, लोगों की गर्मजोशी और उनकी मेहमाननवाजी का भी प्रतीक बनकर उभरेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह सपना है कि हर खिलाड़ी इस आयोजन से वापस जाकर उत्तराखंड के बारे में बेहतरीन अनुभव और यादें लेकर जाए। यह आयोजन प्रदेश के खिलाड़ियों, युवाओं और पूरे राज्य के लिए प्रेरणास्त्रोत बनेगा और उत्तराखंड को एक नई पहचान दिलाने में मदद करेगा।