उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव: नामांकन में 202 रद्द, बचे हुए 656 नामांकन पर चुनाव की तैयारी

देहरादून: उत्तराखंड के 100 नगर निकायों में आगामी चुनावों के लिए नामांकन पत्रों की जांच पूरी हो गई है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 31 दिसंबर और 1 जनवरी को किए गए दो दिन के नामांकन पत्रों की जांच में कुल 202 नामांकन रद्द कर दिए गए हैं। अब, बृहस्पतिवार को प्रत्याशियों को नाम वापसी का अवसर दिया जाएगा। इसके बाद, अंतिम सूची जारी की जाएगी, जिससे आगामी चुनाव की तैयारियां पूरी हो जाएंगी।
इस जांच प्रक्रिया में कुल 690 नामांकनों में से 34 को रद्द किया गया है। इसके बाद, बचे हुए नामांकन को लेकर चुनाव चिह्न का आवंटन 3 जनवरी को किया जाएगा।
नामांकन की रद्दीकरण प्रक्रिया और प्रभावित आंकड़े
नगर निकाय चुनाव के तहत मेयर, अध्यक्ष और पार्षद पद के लिए 690 नामांकनों की जांच की गई। इसमें से 34 नामांकनों को रद्द किया गया, जिससे कुल 656 नामांकनों की सूची शेष रही। रद्द किए गए नामांकनों की संख्या पर नजर डालें तो मेयर पद के लिए 103 नामांकनों में से 2 रद्द किए गए, जबकि नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए 43 नगर पालिकाओं में आए 285 नामांकनों में से 20 रद्द हो गए।
नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए 46 नगर पंचायतों में 302 नामांकन आए थे, जिनमें से 12 को रद्द कर दिया गया। कुल मिलाकर, 690 नामांकनों में से 34 रद्द हो गए, और अब 656 नामांकनों में से चुनाव के लिए चयनित उम्मीदवारों की अंतिम सूची तैयार की जाएगी।
नाम वापसी का अवसर
आज, बृहस्पतिवार को उम्मीदवारों को अपने नामांकन वापस लेने का अवसर दिया जाएगा। जिन उम्मीदवारों का नामांकन वैध था, लेकिन वे अब चुनाव में भाग नहीं लेना चाहते, वे आज अपने नाम वापसी की प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं। इसके बाद अंतिम नामांकन सूची जारी की जाएगी, जिसमें केवल वही उम्मीदवार रहेंगे, जिन्होंने चुनाव में भाग लेने का निर्णय लिया है।
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, एक बार नाम वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, 3 जनवरी को चुनाव चिह्नों का आवंटन किया जाएगा। इसके साथ ही, चुनाव प्रचार की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी।
पार्षद और वार्ड सदस्य के नामांकन
पार्षद और वार्ड सदस्य पद के लिए 5750 नामांकनों में से 168 रद्द कर दिए गए हैं, और अब 5582 नामांकनों को वैध माना गया है। इन नामांकनों में से नगर निगम के पार्षद पद के लिए 2240, नगर पालिका के लिए 1834 और नगर पंचायत सदस्य के लिए 1508 नामांकनों को वैध पाया गया है।
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा की गई जांच के बाद अब यह सुनिश्चित किया गया है कि पार्षद और वार्ड सदस्य के नामांकनों में कोई अनियमितता नहीं है, और सभी वैध नामांकनों के लिए चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत की जा सकती है।
चुनाव की तारीखों की घोषणा
उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव के लिए पूरी तैयारी की जा रही है। 3 जनवरी को चुनाव चिह्न का आवंटन होने के बाद, चुनाव प्रचार के लिए आधिकारिक रूप से अभियान शुरू हो जाएगा। चुनावी मैदान में उतरे सभी उम्मीदवारों को इस दिन चुनाव चिह्नों का आवंटन किया जाएगा, जिससे उनकी पहचान सार्वजनिक हो जाएगी।
राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा है कि चुनाव की तारीखों की घोषणा जल्द की जाएगी, और चुनाव प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उम्मीदवारों को अपने चुनावी प्रचार के लिए निर्धारित समय सीमा के अंदर सभी कार्य करने होंगे।
चुनावी माहौल में उत्साह
उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव को लेकर माहौल बेहद उत्साहजनक है। विभिन्न राजनीतिक दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपनी-अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। चुनावों में भाग लेने वाले उम्मीदवारों के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि ये चुनाव उनके राजनीतिक भविष्य को प्रभावित कर सकते हैं।
उम्मीदवारों और उनके समर्थकों ने चुनाव प्रचार के लिए अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है, जबकि राज्य निर्वाचन आयोग भी चुनावों के लिए सभी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने में जुटा हुआ है।
राज्य के विकास में नगर निकाय चुनाव की भूमिका
नगर निकाय चुनाव केवल एक राजनीतिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि राज्य के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों के चुनाव से चुने गए प्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्र के विकास की दिशा तय करेंगे। यह चुनाव स्थानीय शासन की बेहतरी के लिए नए अवसर पैदा करेगा और नागरिकों की समस्याओं के समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
उत्तराखंड की पर्वतीय और शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे, स्वच्छता, जल आपूर्ति, सड़क निर्माण, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी समस्याओं के समाधान के लिए चुने गए प्रतिनिधियों की भूमिका अहम होगी। इन चुनावों के माध्यम से स्थानीय स्तर पर विकास की गति तेज हो सकती है, जिससे राज्य में जीवन स्तर को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।